क्या कांग्रेस सांसद तनुज पुनिया ने महाराष्ट्र के भाषा विवाद पर कहा, 'मराठी न बोलने पर पिटाई करना है गैर कानूनी'?

सारांश
Key Takeaways
- भाषा विवाद और उसके सामाजिक प्रभावों पर चर्चा
- कांग्रेस सांसद का गैरकानूनी कार्रवाई पर जोर
- राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का महत्व
- भाजपा पर समाज में विभाजन का आरोप
- लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थाओं की सुरक्षा का मुद्दा
आगरा, 6 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र में चल रहे भाषा विवाद के बीच, कांग्रेस सांसद तनुज पुनिया ने एक दुकानदार की पिटाई पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा की गई इस घटना को पूरी तरह से गैरकानूनी और निंदनीय बताया।
आगरा में उपस्थित कांग्रेस सांसद ने कहा कि भारत में कई भाषाएं बोली जाती हैं। महाराष्ट्र में मराठी भाषा को विशेष महत्व दिया जाता है, लेकिन मराठी न बोलने पर किसी को पीटना संवैधानिक रूप से गलत है। यह पूरी तरह से गैरकानूनी है। सरकार को इस मामले में कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से लोग महाराष्ट्र में काम की तलाश में आते हैं। वहां पर भाजपा की सरकार है। सरकार को यह देखना चाहिए कि किसी के साथ अन्याय न हो, लेकिन भाजपा का इतिहास यह बताता है कि वह समाज को जाति के आधार पर विभाजित करती है और सत्ता में आने का यह उनका प्रिय तरीका है।
राहुल गांधी समाज में जाति के नाम पर आई दरारों को भरने का प्रयास कर रहे हैं। उनकी भारत जोड़ो यात्रा इसी का एक उदाहरण है।
इस सप्ताह की शुरुआत में जारी पीईडब्ल्यू (प्यू) रिसर्च सेंटर की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, भारत लोकतंत्र के साथ संतोष के उच्चतम स्तर वाले देशों में से एक है, जिसमें 74 प्रतिशत भारतीय इसे स्वीकार करते हैं। जब कांग्रेस सांसद से इस पर प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा कि भारत में समय-समय पर सुधार हुआ है और हमारा लोकतंत्र मजबूत हुआ है।
उन्होंने कहा, "मैं मानता हूं कि इस रिपोर्ट में भाजपा शीर्ष पर होती अगर उनकी सरकार इस देश में नहीं होती। जिस तरह से आज लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है, वह लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए ठीक नहीं है।" उन्होंने कहा कि संविधान पर लगातार हमले हो रहे हैं और संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग जिस तरह से हो रहा है, वह लोकतंत्र के स्तर को गिराता जा रहा है।
राहुल गांधी के विदेशी दौरे पर लोकतंत्र की चर्चा करने पर उन्होंने कहा कि राहुल गांधी केवल विदेश में ही नहीं, भारत में भी विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं। वे विपक्ष के नेता हैं; उनका काम सरकार की विफलताओं को उजागर करना है और उन्हें जनता के सामने लाना है। वे अपना कार्य अच्छे से कर रहे हैं, और मुझे नहीं लगता कि जनता की आवाज को बेहतर तरीके से कोई और रख सकता है।