क्या कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत हो रही है? सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल, सीबीआई जांच की मांग

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क्या कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत हो रही है? सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल, सीबीआई जांच की मांग

सारांश

कफ सिरप से होने वाली बच्चों की मौतों के मामले ने पूरे देश में हड़कंप मचा दिया है। सुप्रीम कोर्ट में दायर पीआईएल में कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है। जानिए इस गंभीर मुद्दे पर क्या कहा गया है।

Key Takeaways

  • कफ सिरप के सेवन से बच्चों की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल किया गया है।
  • सिरप में जहरीले रसायनों की मात्रा मानक से 500 गुना अधिक पाई गई है।
  • विशेषज्ञ समिति द्वारा जांच की मांग की गई है।
  • विषैले सिरप बनाने वाली कंपनियों के लाइसेंस रद्द करने की मांग की गई है।
  • पर्याप्त मुआवजे की भी मांग की गई है।

नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कफ सिरप का सेवन करने से मध्य प्रदेश, राजस्थान और तमिलनाडु जैसे राज्यों में कम से कम 14 बच्चों की मौत के मामले ने देश को हिलाकर रख दिया है। वकील विशाल तिवारी ने अब सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका (पीआईएल) दायर कर इस मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है।

याचिका में सिरप में पाए गए जहरीले रसायनों डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) और एथिलीन ग्लाइकॉल (ईजी) की बिक्री पर सख्त नियंत्रण की मांग की गई है।

याचिका के अनुसार, कोल्ड्रिफ कफ सिरप में डीईजी की मात्रा 48.6 फीसद तक पाई गई है, जो मानक सीमा से लगभग 500 गुना अधिक है। यह रसायन औद्योगिक उपयोग के लिए होता है, लेकिन दवाओं में मिलाने से किडनी फेलियर हो सकता है।

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में 9, राजस्थान में 2 और अन्य राज्यों में भी मौतें हुई हैं। केंद्र सरकार ने सिरप पर प्रतिबंध लगाया है, लेकिन जांच में लापरवाही बरती जा रही है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता।

विशाल तिवारी ने कोर्ट से मांग की है कि मामले की जांच राष्ट्रीय न्यायिक आयोग या सीबीआई के अंतर्गत एक विशेषज्ञ समिति द्वारा की जाए। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज इसकी निगरानी करें। सभी राज्यों में दर्ज एफआईआर को एक स्थान पर स्थानांतरित कर एकीकृत जांच हो।

याचिकाकर्ता ने मांग की है कि विषैले सिरप बनाने वाली कंपनियों के लाइसेंस तुरंत रद्द कर उन्हें बंद किया जाए और उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाया जाए। बाजार से सभी प्रभावित उत्पाद वापस मंगवाए जाएं और ड्रग्स रिकॉल पॉलिसी बनाई जाए। इसके अलावा याचिका में पीड़ित परिवारों को पर्याप्त मुआवजा देने की भी मांग की गई है।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने सोमवार को मध्य प्रदेश और राजस्थान के स्वास्थ्य विभागों के प्रमुख सचिवों को नोटिस जारी किया था। यह नोटिस दोनों राज्यों में कफ सिरप पीने के बाद 12 बच्चों की मौत के मामले में जारी किया गया है। इस घटना को लेकर विपक्षी दल भी सरकार पर निशाना साध रहे हैं, जबकि स्वास्थ्य मंत्री ने जांच का आश्वासन दिया है।

Point of View

बल्कि यह हमारे समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारी का भी प्रतीक है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों और दोषियों को सख्त सजा मिले।
NationPress
07/10/2025

Frequently Asked Questions

कफ सिरप से बच्चों की मौत के मामले में क्या किया जा रहा है?
सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की गई है।
कफ सिरप में कौन से जहरीले रसायन पाए गए हैं?
कोल्ड्रिफ कफ सिरप में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) और एथिलीन ग्लाइकॉल (ईजी) जैसे जहरीले रसायन पाए गए हैं।
क्या सरकार ने कफ सिरप पर प्रतिबंध लगाया है?
हाँ, केंद्र सरकार ने कफ सिरप पर प्रतिबंध लगाया है, लेकिन जांच में लापरवाही बरती जा रही है।