क्या कोविड वैक्सीन और हार्ट अटैक में कोई संबंध है? : डॉ. रणदीप गुलेरिया

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क्या कोविड वैक्सीन और हार्ट अटैक में कोई संबंध है? : डॉ. रणदीप गुलेरिया

सारांश

डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कोविड वैक्सीन और हृदय गति रुकने के बीच संबंध को नकारते हुए जीवनशैली और आहार के महत्व पर जोर दिया। अध्ययन से स्पष्ट हुआ है कि युवाओं में हृदय समस्याएं अनियमित जीवनशैली के कारण हैं। यह जानकारी जानना आपके स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।

Key Takeaways

  • युवाओं में हृदय संबंधी समस्याएं अनियमित जीवनशैली का परिणाम हैं।
  • कोविड वैक्सीन का हृदय स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव नहीं है।
  • व्यायाम की कमी और अस्वास्थ्यकर खान-पान हृदय स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं।
  • टीकों की सुरक्षा और प्रभावशीलता पर निगरानी की जाती है।
  • पारंपरिक भारतीय खान-पान को अपनाना फायदेमंद हो सकता है।

नई दिल्ली, 4 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) द्वारा किए गए एक संयुक्त अध्ययन में यह निष्कर्ष निकाला गया है कि युवाओं में कोविड वैक्सीन और अचानक हृदय गति रुकने के बीच कोई संबंध नहीं है। एम्स दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने शुक्रवार को राष्ट्र प्रेस से विशेष बातचीत में इस बात को स्पष्ट किया।

डॉ. गुलेरिया ने जीवनशैली और इसके स्वास्थ्य पर प्रभाव के कई पहलुओं पर चर्चा की। प्रस्तुत हैं साक्षात्कार के कुछ महत्वपूर्ण अंश।

सवाल: आईसीएमआर और एम्स के अध्ययन ने यह स्पष्ट किया है कि युवाओं में कोविड वैक्सीन और अचानक हृदय गति रुकने के बीच कोई संबंध नहीं है। आप इस परिणाम को कैसे देखते हैं?

जवाब: हृदय संबंधी समस्याओं और अचानक मृत्यु की चिंताओं के बीच यह सवाल उठता था कि क्या इसका कोविड वैक्सीन से कोई संबंध हो सकता है। लेकिन अध्ययन ने स्पष्ट रूप से दिखाया है कि टीकाकरण और अचानक हृदय गति रुकने के बीच कोई संबंध नहीं है।

व्यक्तिगत अनुभव से कहूं तो, कोविड से पहले भी हमने युवाओं में हृदय संबंधी समस्याओं को देखा है। यह आनुवंशिक प्रवृत्तियों, जीवनशैली में बदलाव और अस्वास्थ्यकर आदतों से संबंधित हो सकता है।

दूसरी ओर, व्यायाम की कमी और फास्ट फूड का बढ़ता सेवन भी इसके कारक हैं। इस तरह की जीवनशैली ने हमारे देश में दिल की समस्याओं को जन्म दिया है, जिसका संबंध वास्तव में टीकाकरण से नहीं है।

सवाल: क्या टीके का मानव शरीर पर कोई नकारात्मक प्रभाव पड़ता है?

जवाब: सभी दवाओं के दुष्प्रभाव होते हैं, लेकिन टीका स्वस्थ व्यक्तियों को दिया जाता है और इसके दुष्प्रभावों की बारीकी से निगरानी की जाती है। डेटा स्पष्ट रूप से दिखाता है कि टीकों के दुष्प्रभाव बहुत कम हैं, जबकि इसके लाभ अधिक हैं।

इसलिए, यह कहना गलत होगा कि टीके नुकसान पहुंचाते हैं। कोविड 19 के खिलाफ लड़ाई में टीकों ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

सवाल: कुछ मौतें ऐसी हुई हैं जिनका कोई कारण नहीं मिल सका। आप इसे कैसे देखते हैं?

जवाब: ये मौतें हमारे जीवनशैली और निष्क्रियता से अधिक संबंधित हैं। लोगों को अपनी जीवनशैली में सुधार करना चाहिए। पारंपरिक भारतीय खान-पान को अपनाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। कोविड वैक्सीन और दिल के दौरे के बीच कोई संबंध नहीं है।

सवाल: एंटी-एजिंग दवाओं के प्रभाव के बारे में क्या कहना चाहेंगे?

जवाब: एंटी-एजिंग दवा एक बड़ा उद्योग बन रहा है, लेकिन इसे नियंत्रित करने की आवश्यकता है। कई दवाओं के संभावित दुष्प्रभाव हो सकते हैं। इसलिए, इन पर निगरानी और नियंत्रण आवश्यक है।

Point of View

ताकि युवा पीढ़ी स्वस्थ रह सके।
NationPress
21/10/2025

Frequently Asked Questions

क्या कोविड वैक्सीन और हार्ट अटैक में कोई संबंध है?
आईसीएमआर और एम्स के अध्ययन के अनुसार, कोविड वैक्सीन और अचानक हार्ट अटैक के बीच कोई संबंध नहीं है।
डॉ. गुलेरिया ने जीवनशैली के बारे में क्या कहा?
उन्होंने कहा कि जीवनशैली, आहार और आनुवंशिक प्रवृत्तियों से हृदय संबंधी समस्याएं होती हैं।
क्या टीकों के दुष्प्रभाव होते हैं?
टीकों के दुष्प्रभाव होते हैं, लेकिन उनकी निगरानी की जाती है और लाभ अधिक होते हैं।