क्या जीआरआईटी की दूसरी गवर्निंग बॉडी की बैठक में ‘विकसित गुजरात’ के लिए रोडमैप तैयार हुआ?
सारांश
Key Takeaways
- जीआरआईटी की केंद्रीय भूमिका पर जोर
- ‘विकसित गुजरात-2047’ के लिए रोडमैप तैयार करना
- डेटा आधारित निर्णय लेने की प्रक्रिया को मजबूत करना
- सभी विभागीय डेटा को एकत्रित करना
- उपमुख्यमंत्री का सुझाव - बजट में जीआरआईटी का डेटा शामिल करना
गांधीनगर, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सोमवार को गुजरात स्टेट इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मेशन (जीआरआईटी) की दूसरी गवर्निंग बॉडी की बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में ‘विकसित गुजरात-2047’ और ‘गुजरात-2035’ की दीर्घकालिक विकास रणनीति में जीआरआईटी की केंद्रीय भूमिका पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया।
बैठक में उपमुख्यमंत्री हर्ष सांघवी, वित्त मंत्री कन्हैया देसाई, कृषि मंत्री जीतू वाघाणी और शिक्षा मंत्री डॉ. प्रद्युमन वाजा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। बैठक से पहले, मुख्यमंत्री ने जीआरआईटी के गांधीनगर कार्यालय में विकसित गुजरात स्ट्रैटेजी रूम का उद्घाटन किया। यह कमांड सेंटर डिजिटल डैशबोर्ड, रिसर्च लाइब्रेरी, केपीआई ट्रैकिंग और पॉडकास्ट स्पेस से सुसज्जित है, जो विकास संकेतकों और सरकारी योजनाओं के प्रदर्शन के विश्लेषण में मुख्य भूमिका निभाएगा।
बैठक के दौरान, मुख्यमंत्री ने जिला घरेलू उत्पाद (डीडीपी) के अनुमान जारी किए, जो राज्य की योजना विभाग की पहली पहल है। यह डेटा स्थानीय स्तर पर अधिक प्रभावी और समावेशी विकास योजनाएं बनाने में सहायक होगा।
मुख्यमंत्री पटेल ने बताया कि जीआरआईटी ने सभी विभागीय और योजना-स्तर के डेटा को एक ही स्थान पर उपलब्ध करा दिया है, जिससे निर्णय लेने की प्रक्रिया तेज होगी और भविष्य के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान करना सरल हो जाएगा। उन्होंने कम समय में संस्था को भविष्यवादी थिंक टैंक के रूप में स्थापित करने के लिए युवा जीआरआईटी टीम की सराहना की।
बैठक में जीआरआईटी की सीईओ एस. अपर्णा ने संस्था की प्रमुख परियोजनाओं की प्रस्तुति दी, जिसमें नीति पत्र, सेक्टोरल समीक्षा, 19 प्रकाशन, तीन टास्क फोर्स रिपोर्ट और रीजनल इकोनॉमिक मास्टर प्लान का प्रारंभिक ढांचा शामिल था। यह योजना गुजरात को 2047 तक 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था और 2.8 करोड़ रोजगार सृजन के लक्ष्य की ओर ले जाने पर केंद्रित है।
प्रस्तुति में शिक्षा, मत्स्य पालन, पोस्ट-हार्वेस्ट प्रबंधन, ग्रीन मैन्युफैक्चरिंग, स्पैशियल कंप्यूटिंग और ब्लू स्काई पॉलिसी जैसे क्षेत्रों पर चल रहे कार्य भी शामिल थे। उपमुख्यमंत्री हर्ष सांघवी ने सुझाव दिया कि आगामी राज्य बजट की तैयारियों में जीआरआईटी के डेटा आधारित सिस्टम को शामिल किया जाए, ताकि विभाग अधिक प्रभावी ढंग से योजना बना सकें।
बैठक में गवर्निंग बॉडी ने नीतिगत शोध, नवाचार और सुशासन क्षेत्र में जीआरआईटी को अग्रणी संस्था के रूप में स्थापित करने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता का सर्वसम्मति से समर्थन किया।
बैठक में मुख्य सचिव एम.के. दास, मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार डॉ. हसमुख अधिया, अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त) राजीव टोपनो, मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. विक्रांत पांडे और योजना सचिव आद्रा अग्रवाल भी उपस्थित थे।