क्या डी. राजा का पटना दौरा बिहार चुनाव में विपक्षी एकजुटता को प्रोत्साहित करेगा?

सारांश
Key Takeaways
- डी. राजा का पटना दौरा विपक्षी एकजुटता के लिए महत्वपूर्ण है।
- राजद और कांग्रेस को न्यायपूर्ण प्रतिनिधित्व की आवश्यकता है।
- जातीय जनगणना सामाजिक न्याय के लिए आवश्यक है।
पटना, 24 जून (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के राष्ट्रीय महासचिव डी. राजा ने मंगलवार को पटना का दौरा किया। उनके आगमन से राजनीतिक माहौल में हलचल पैदा हो गई है। डी. राजा पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक कर चुनावी रणनीति पर चर्चा करेंगे।
उन्होंने राजद के प्रमुख लालू प्रसाद यादव और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से मिलने की संभावनाओं पर भी चर्चा की।
राजद अध्यक्ष पद पर लालू प्रसाद यादव के नामांकन को लेकर पूछे गए सवाल पर डी. राजा ने कहा, "हम उन्हें शुभकामनाएं देते हैं। किसी भी दल का आंतरिक निर्णय उनका अधिकार है और हम उसका सम्मान करते हैं। सभी विपक्षी दलों को एक मंच पर आकर भाजपा और उसके सहयोगियों, जिनमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल हैं, को जवाब देने की आवश्यकता है।"
सीपीआई महासचिव ने कहा कि हमारा सपना है एक धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक भारत, जहां समान सोच वाली सभी पार्टियां एकत्रित हों। विपक्ष की एकजुटता आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। राजद, कांग्रेस और अन्य सहयोगी दलों को न्यायपूर्ण प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए ताकि विपक्ष मजबूती से खड़ा हो सके।
विपक्ष के नेता को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि इस पर निर्णय उचित समय पर लिया जाएगा, लेकिन इस समय सबसे बड़ा सवाल है कि विपक्ष को कैसे एकजुट किया जाए। तेजस्वी यादव इस लड़ाई में एक महत्वपूर्ण चेहरा हैं और वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
सीपीआई नेता ने कहा कि केंद्र सरकार की बातों में निष्ठा की कमी साफ दिखती है। जनता अब उनके खोखले वादों से तंग आ चुकी है। वहीं, जातीय जनगणना का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि देखना यह है कि सरकार इसे कब और कैसे लागू करती है। यह जनगणना सामाजिक न्याय के लिए अत्यंत आवश्यक है।
डी. राजा ने अपने दौरे के दौरान स्पष्ट किया कि सीपीआई आगामी चुनावों में अपने गठबंधन के साथ मजबूती से उतरेगी और उनका नारा रहेगा, "बदलो सरकार, बचाओ बिहार!"