क्या गाजियाबाद में म्यूल अकाउंट के जरिए साइबर फ्रॉड का बड़ा गिरोह पकड़ा गया?

सारांश
Key Takeaways
- गाजियाबाद में साइबर फ्रॉड गिरोह का पर्दाफाश हुआ।
- छह आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है।
- गिरोह म्यूल अकाउंट का इस्तेमाल कर ठगी कर रहा था।
- बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत भी सामने आई है।
- एसटीएफ ने 25.6 लाख रुपए नकद बरामद किए।
गाजियाबाद, 12 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। गाजियाबाद के विजयनगर पुलिस थाने के क्षेत्र में, यूपी एसटीएफ की नोएडा यूनिट ने एक विशाल साइबर फ्रॉड गिरोह का पर्दाफाश करते हुए कुल छह व्यक्तियों को गिरफ्तार किया। यह गिरोह कमीशन पर म्यूल अकाउंट मुहैया कराता था, जिनका उपयोग पूरे देश में साइबर धोखाधड़ी में किया जा रहा था।
एसटीएफ को इन आरोपियों के पास से एक सौ से अधिक बैंक खातों की जानकारी मिली है, जिन पर पहले से ही कई साइबर अपराध की शिकायतें दर्ज हैं।
जांच में चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि इन म्यूल अकाउंट्स को उपलब्ध कराने में बिहार के बंधन बैंक और एचडीएफसी बैंक के कुछ कर्मचारियों की भी संलिप्तता रही है। बैंकिंग प्रणाली में अंदरूनी सहयोग मिलने के कारण यह गिरोह लंबे समय से सक्रिय था और विभिन्न राज्यों के लोगों से ठगी कर रहा था।
यह गिरोह केवल साइबर फ्रॉड तक सीमित नहीं था, बल्कि यह लोग बड़े नोटों के बदले छोटे नोट अधिक राशि में देने का लालच भी देते थे। इस प्रक्रिया में लोगों को नकली या रद्दी कागज सौंप दिए जाते थे।
इस प्रकार का नेटवर्क पूरे भारत में फैला हुआ था और अब तक हजारों लोग इनके शिकार बन चुके थे। छापेमारी के दौरान एसटीएफ ने गिरोह से 25.6 लाख रुपए नकद, नोट गिनने की मशीन, फर्जी आधार कार्ड और कई अन्य फर्जी दस्तावेज भी बरामद किए हैं।
इन दस्तावेजों का उपयोग गिरोह द्वारा नए खातों को खोलने और ठगी के लिए पहचान बनाने में किया जा रहा था। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में गैंग का सरगना शुभम राज उर्फ बाबा (निवासी जिला छपरा, बिहार) भी शामिल है।
साथ ही प्रदीप कुमार (सिवान), धीरज मिश्रा (भोजपुर), सोनू कुमार (सारण), अमरजीत कुमार (सारण) और अनुराग (बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश) को भी गिरफ्तार किया गया है।
एसटीएफ अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में बैंक कर्मचारियों की भूमिका की भी गहन जांच की जाएगी। साइबर फ्रॉड और नकली नोट ठगी के नेटवर्क के उजागर होने के बाद एजेंसियां अन्य राज्यों में फैले इनके कनेक्शनों की पहचान करने में जुटी हैं।