क्या बिहार में सीटों का बंटवारा जल्द होना चाहिए ताकि महाराष्ट्र की गलती न दोहराई जाए?

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क्या बिहार में सीटों का बंटवारा जल्द होना चाहिए ताकि महाराष्ट्र की गलती न दोहराई जाए?

सारांश

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए इंडिया ब्लॉक में सीट बंटवारे की स्थिति चिंताजनक है। क्या सही समय पर निर्णय लेना जरूरी है? शिवसेना (यूबीटी) प्रवक्ता आनंद दुबे ने महाराष्ट्र के अनुभव से सीखने की सलाह दी है। जानिए क्या हो सकता है बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में।

Key Takeaways

  • इंडिया ब्लॉक को जल्दी सीट बंटवारा करना चाहिए।
  • महाराष्ट्र की गलतियों से सबक लेना जरूरी है।
  • सीमित समय में निर्णय लेना महत्त्वपूर्ण है।
  • राजनीति में अनुशासन और समझदारी आवश्यक है।
  • महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए।

मुंबई, 12 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए इंडिया ब्लॉक में सीट बंटवारे की अभी तक कोई अंतिम घोषणा नहीं की गई है, लेकिन हाल की बैठकों में यह स्पष्ट हो रहा है कि इस पर जल्द ही सहमति बन सकती है।

इस बीच, शिवसेना (यूबीटी) प्रवक्ता आनंद दुबे ने चेतावनी दी है कि इंडिया ब्लॉक को महाराष्ट्र में हुई गलती को नहीं दोहराना चाहिए। उन्होंने कहा कि सीएम फेस और सीट बंटवारे को जल्द से जल्द तय करना चाहिए, ताकि चुनाव में मजबूती के साथ मुकाबला किया जा सके। महाराष्ट्र में देरी से गठबंधन कमजोर हुआ था और बिहार में भी यदि विलंब हुआ तो एनडीए को लाभ हो सकता है।

आनंद दुबे ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि राजनीति में अनुशासन और समझदारी आवश्यक है। उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि यदि महाविकास आघाड़ी (एमवीए) ने पहले ही सीट बंटवारा और नेतृत्व का चेहरा तय किया होता, तो परिणाम अलग हो सकते थे और एमवीए की सरकार बन सकती थी। बिहार में इंडिया गठबंधन को ऐसी गलती नहीं करनी चाहिए।

उन्होंने महागठबंधन को सलाह दी कि चुनाव में मजबूत स्थिति में रहने के लिए सीएम फेस और सीट बंटवारे को जल्दी स्पष्ट करें, ताकि गठबंधन में कोई मनमुटाव न हो। उन्होंने भाजपा पर साम-दाम-दंड-भेद की रणनीति अपनाने का आरोप लगाया।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन के शपथ ग्रहण समारोह में अनुपस्थिति पर उन्होंने कहा कि वे देश के नेता प्रतिपक्ष के रूप में बड़ी जिम्मेदारी निभाते हैं। उनके कार्यक्रम पहले से तय होते हैं, जिसके कारण वे हर जगह उपस्थित नहीं हो पाते। राहुल गांधी की अनुपस्थिति का मतलब यह नहीं है कि वे उपराष्ट्रपति पद या व्यक्ति का सम्मान नहीं करते। वे राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री जैसे संवैधानिक पदों का पूरा आदर करते हैं।

उन्होंने कहा कि यदि कार्यक्रमों में टकराव न होता, तो राहुल गांधी निश्चित रूप से समारोह में शामिल होते और शिष्टाचार भेंट करते। वे जल्द ही उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात कर उन्हें बधाई देंगे।

बिहार कांग्रेस की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जारी एआई वीडियो को उन्होंने महिलाओं का अपमान तथा राजनीति के निचले स्तर का उदाहरण बताया है। उन्होंने कहा कि राजनीति में किसी पर व्यक्तिगत हमला करना गलत है। राजनीति में कई मुद्दे हैं, जिन पर चर्चा हो सकती है। मेरा मानना है कि महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर दलों को चर्चा करनी चाहिए।

उन्होंने बेंगलुरु के शिवाजी नगर में बने मेट्रो स्टेशन का नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी महाराज नगर करने की मांग की। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज न केवल महाराष्ट्र, बल्कि पूरे भारत के आराध्य देव हैं और स्टेशन का नाम उनके नाम पर रखना देश में सद्भावना और एकता का संदेश देगा। सरकार अन्य स्टेशनों को अलग नाम दे सकती है, लेकिन इस स्थान पर शिवाजी महाराज का नाम देना उचित होगा। इस मांग को लेकर सरकार को पत्र लिखा गया है और जल्द ही सकारात्मक निर्णय की उम्मीद है।

Point of View

बिहार में इंडिया ब्लॉक का सीट बंटवारा समय की मांग है। यदि समय पर निर्णय नहीं लिया गया, तो एनडीए को लाभ होगा। राजनीति में अनुशासन और स्पष्टता के साथ आगे बढ़ना आवश्यक है।
NationPress
12/09/2025

Frequently Asked Questions

बिहार में सीट बंटवारे में देरी क्यों हो रही है?
बिहार में सीट बंटवारे में देरी की वजह राजनीतिक रणनीतियों और गठबंधन के बीच सहमति की कमी है।
आनंद दुबे का महाराष्ट्र चुनाव से क्या संबंध है?
आनंद दुबे ने महाराष्ट्र चुनाव का उदाहरण देकर बिहार में गलतियों से बचने की सलाह दी है।
राहुल गांधी की अनुपस्थिति का क्या मतलब है?
राहुल गांधी की अनुपस्थिति का मतलब यह नहीं है कि वे उपराष्ट्रपति या राष्ट्रपति का सम्मान नहीं करते।
महागठबंधन को क्या करना चाहिए?
महागठबंधन को जल्द से जल्द सीट बंटवारा और सीएम फेस तय करना चाहिए।
बेंगलुरु मेट्रो स्टेशन का नाम बदलने की मांग क्यों की गई?
यह मांग छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रति सम्मान और देश में एकता का संदेश देने के लिए की गई है।