क्या सीबीआई ने मध्य प्रदेश के सागर में रिश्वत लेते एमईएस के अधिकारियों और बिचौलिए को गिरफ्तार किया?

सारांश
Key Takeaways
- सीबीआई ने सागर में रिश्वतखोरी के मामले में कड़ी कार्रवाई की।
- तीन अधिकारियों और एक बिचौलिए को गिरफ्तार किया गया।
- रिश्वत की राशि 80,000 रुपए थी।
- सीबीआई की जांच अभी जारी है।
- भ्रष्टाचार के खिलाफ यह एक महत्वपूर्ण संदेश है।
सागर, 12 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मध्य प्रदेश के सागर में स्थित सैन्य अभियंता सेवा (एमईएस) के अधिकारियों और एक बिचौलिए के खिलाफ सख्त कदम उठाया। केंद्रीय जांच एजेंसी ने शिकायतकर्ता से 80,000 रुपए की रिश्वत लेते हुए तीन अधिकारियों और एक बिचौलिए को गिरफ्तार किया।
सीबीआई ने एमईएस के आरोपियों में गैरिसन इंजीनियर (जीई), सहायक गैरिसन इंजीनियर (एजीई), कनिष्ठ अभियंता (जेई) और एक बिचौलिए के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आरोप है कि इन लोक सेवकों ने ठेकेदार को दिए गए ठेके के तहत मरम्मत और रखरखाव कार्य के लिए बिचौलिए के माध्यम से ठेका मूल्य का 2 प्रतिशत (यानी 1,00,000 रुपये) की रिश्वत मांगी।
बातचीत के बाद आरोपियों ने 1.5 प्रतिशत की दर से 80,000 रुपए रिश्वत लेने के लिए सहमति व्यक्त की। सीबीआई ने जाल बिछाया और चारों आरोपियों को शिकायतकर्ता से रिश्वत लेते हुए रंगे हाथोंशुक्रवार को जबलपुर की विशेष सीबीआई अदालत में पेश किया गया।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने आरोपियों के कार्यालय और आवासीय परिसरों की तलाशी ली, जहां से आपत्तिजनक दस्तावेज और सामग्री बरामद की गई।
गिरफ्तार आरोपियों के नाम हैं: गैरिसन इंजीनियर (जीई) नितेश कुमार सिंह, सहायक गैरिसन इंजीनियर (एजीई) राकेश साहू, कनिष्ठ अभियंता (जेई) दीपक और बिचौलिया राजेश मिश्रा। इस मामले में सीबीआई की आगे की जांच जारी है।
एक दिन पहले, सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के क्षेत्रीय अधिकारी को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। आरोपी की पहचान जगदीश तांबे के रूप में की गई, जो पश्चिमी दिल्ली में ईपीएफओ के क्षेत्रीय आयुक्त के पद पर थे।
सीबीआई ने जानकारी दी कि क्षेत्रीय आयुक्त जगदीश तांबे को शिकायतकर्ता से 1.50 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। सीबीआई ने 9 सितंबर को आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया। क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त ने एक व्यक्ति के खिलाफ आरडीए कार्यवाही को अनुकूल तरीके से निपटाने के लिए 3 लाख रुपए की अवैध रिश्वत मांगी थी।