क्या चक्रवात 'मोंथा' आंध्र प्रदेश में तबाही मचाएगा?
सारांश
Key Takeaways
- चक्रवात 'मोंथा' का आंध्र प्रदेश में प्रभावी होना।
- हवा की गति 110 किमी/घंटा तक पहुंच सकती है।
- एनडीआरएफ की टीमों की तैनाती।
- राहत शिविरों का प्रबंधन।
- ओडिशा में भी सुरक्षा इंतजाम।
नई दिल्ली, 28 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बंगाल की खाड़ी में भयंकर चक्रवाती तूफान 'मोंथा' ने आंध्र प्रदेश के तट पर कदम रख लिया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 110 किमी/घंटा की रफ्तार से चलने वाली हवाओं की चेतावनी जारी की है।
आईएमडी ने बताया कि तूफान 17 किमी प्रति घंटा की गति से उत्तर-उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ रहा है। इसका केंद्र 16.0 डिग्री उत्तर अक्षांश और 82.3 डिग्री पूर्व देशांतर पर स्थित है, जो मछलीपट्टनम से 120 किमी पूर्व, काकीनाडा से 110 किमी दक्षिण और विशाखापट्टनम से 220 किमी दक्षिण-पश्चिम में है।
लैंडफॉल काकीनाडा के निकट मछलीपट्टनम-कलिंगपट्टनम के बीच होगा, जहां हवाओं की गति 90-100 किमी/घंटा से बढ़कर 110 किमी/घंटा तक पहुंच सकती है।
शाम 5:30 बजे तक के आंकड़ों के अनुसार, मछलीपट्टनम में 68 किमी/घंटा, काकीनाडा में 52, राजमुंदरी एयरपोर्ट में 50, बापटला में 33 और नेल्लोर में 25 किमी/घंटा की हवा चल रही है। सुबह 8:30 बजे से अब तक की भारी बारिश में उलवापाडु में 163 मिमी, कावली में 149 मिमी, दगदर्थी में 132 मिमी, सिंगारयाकोंडा में 120 मिमी और श्रृंगवरपुकोटा में 86 मिमी बारिश का रिकॉर्ड दर्ज किया गया है।
आईएमडी ने चेतावनी दी है कि समुद्री स्थितियां 'बहुत उच्च से अभूतपूर्व' श्रेणी में हैं, जिसके कारण मछली पकड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है।
उपग्रह और रडार की तस्वीरों से यह स्पष्ट हो रहा है कि तूफान तट के निकट पहुंचते समय अत्यंत तेज रहेगा। इसके बाद यह धीरे-धीरे कमजोर होगा और एक सामान्य चक्रवाती तूफान में परिवर्तित हो जाएगा, फिर हल्का दबाव वाला क्षेत्र बनेगा। यह आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों की ओर बढ़ेगा।
आंध्र प्रदेश में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। प्रदेश सरकार हाई अलर्ट पर है। मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने काकीनाडा, कोनासीमा, पूर्वी-पश्चिमी गोदावरी और कृष्णा जिलों में एनडीआरएफ की 25 टीमों को तैनात किया है। 58,000 लोगों को 612 राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से वार्ता कर केंद्रीय सहायता का आश्वासन दिया है।
ओडिशा में भी सतर्कता बरती जा रही है। गंजम, पुरी, जगतसिंहपुर में 200 राहत केंद्र और 2,000 आपदा केंद्र तैयार किए गए हैं।