क्या दक्षिण सूडान में खाद्य सामग्री ले जा रहा प्लेन क्रैश हुआ?
सारांश
Key Takeaways
- दक्षिण सूडान में हवाई यात्रा की सुरक्षा चिंताजनक है।
- इस प्रकार के हादसे बाढ़ पीड़ितों के लिए सहायता में बाधा डालते हैं।
- सरकार को विमानन सुरक्षा में सुधार की आवश्यकता है।
- स्थानीय प्रशासन को क्रैश साइट तक पहुंचने की चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
- ऐसे हादसे नागरिकों के लिए चिंता का विषय हैं।
खार्तूम, 25 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दक्षिण सूडान के यूनिटी राज्य के लीयर काउंटी में मंगलवार को एक चार्टर विमान, जो खाद्य सामग्री ले जा रहा था, दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में विमान में सवार कम से कम तीन लोगों की जान चली गई। यह घटना स्थानीय समय के अनुसार सुबह लगभग 9 बजे हुई। विमान को एक गैर लाभकारी संगठन द्वारा भेजा गया था।
लीयर काउंटी के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि यह विमान, जो बाढ़ पीड़ितों के लिए खाद्य सामग्री ले जा रहा था, टेकऑफ के तुरंत बाद ही क्रैश हो गया।
अंतर्राष्ट्रीय मानवीय संगठन सैमरिटन्स पर्स के इस एयरक्राफ्ट में दो क्रू मेंबर और एक इंजीनियर सवार थे, जिनकी मृत्यु हो गई। साउथ सूडान में सैमरिटन पर्स के उप निदेशक बिक्रम राय ने रॉयटर्स को बताया कि 'नारी एयर' का यह विमान राजधानी जूबा से 2 टन सामान लेकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की ओर रवाना हुआ था।
स्थानीय पुलिस-प्रशासन ने बताया कि क्रैश स्थल एक दूरदराज के इलाके में है, जहां पैदल लगभग तीन घंटे में पहुंचा जा सकता है।
साउथ सूडान में हवाई हादसों का एक लंबा इतिहास रहा है, जो अक्सर पुराने एयरक्राफ्ट, ओवरलोडिंग, सीमित सुरक्षा ढांचे और मुश्किल मौसम के कारण होते हैं।
स्थानीय मीडिया आउटलेट सूडान पोस्ट के अनुसार, हाल के वर्षों में कई जानलेवा घटनाएं हुई हैं, जिनमें 2015 का जुबा एंटोनोव एएन-12 कार्गो प्लेन क्रैश शामिल है, जिसमें 37 लोग मारे गए थे; 2018 में लेक यिरोल के पास एक एलईटी एल-410 क्रैश में 20 लोगों की जान गई थी; और 2021 में साउथ सूडान सुप्रीम एयरलाइंस का एलईटी एल-410 दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें उसमें सवार सभी दस लोग मारे गए थे।
2025 में, एक तेल कंपनी द्वारा किराए पर लिया गया बीचक्राफ्ट 1900डी प्लेन यूनिटी स्टेट में गिर गया था, जिसमें 21 में से 20 यात्री मारे गए थे। इनमें दूरदराज या खराब सुविधाओं वाले एयरस्ट्रिप पर ऑपरेट होने वाली फ्लाइट्स शामिल थीं, जिससे देश के एविएशन सेक्टर की चुनौतियों का पता चलता है।