क्या दीपावली को लेकर अखिलेश यादव का बयान उचित है?

सारांश
Key Takeaways
- अखिलेश यादव के बयान ने विवाद को जन्म दिया है।
- विश्वास सारंग ने इसे सनातन विरोधी बताया।
- छोटे कारीगरों का आर्थिक हित प्रभावित हो रहा है।
- राजनीतिक बयानों का धार्मिक प्रभाव हो सकता है।
- हर कोई अपने बयानों के प्रति जिम्मेदार होना चाहिए।
भोपाल, 19 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री विश्वास सारंग और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव के दीपावली से संबंधित बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
अखिलेश द्वारा दीपावली पर दीप जलाने और पटाखों के उपयोग पर उठाए गए सवालों को लेकर भाजपा नेताओं ने उन्हें सनातन विरोधी करार दिया और छोटे कारीगरों व व्यापारियों के हितों पर हमला बताया।
विश्वास सारंग ने कहा कि अखिलेश के बयानों से ऐसा प्रतीत होता है कि वे और उनका परिवार कहीं धर्म परिवर्तन तो नहीं करवा रहे हैं।
राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि जिस परिवार ने कारसेवकों पर गोलियां चलवाईं, उन्हें राम लला के दरबार में दीप जलाने से पेट में दर्द होगा। अखिलेश यादव को इसीलिए लोग 'मौलाना' कहते हैं। क्या वे दीपावली पर नमाज पढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं? अखिलेश को सनातन धर्म की जानकारी नहीं है, लेकिन वे पूजा-पाठ से पहले दीये जलाने की परंपरा का अपमान कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि उनके पूरे परिवार ने कहीं धर्म परिवर्तन तो नहीं कर लिया।
विश्वास सारंग ने अपने बयान से सनातन का अपमान किया है। उनके बयान ने छोटे कारीगरों और व्यापारियों पर कुठाराघात किया है, जिनका रोजगार दीपावली से चलता है। अखिलेश इस दर्द को नहीं समझ सकते। हिंदुओं का ऐसा अपमान अस्वीकृत है।
सारंग ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि अखिलेश यादव को अपना नाम बदलकर एंथोनी या अकबर रख लेना चाहिए। दीपावली पर दीप न जलाने का उनका बयान न केवल सनातन विरोधी है, बल्कि छोटे कारीगरों पर भी कुठाराघात है।
भाजपा नेता रामेश्वर शर्मा ने भी अखिलेश यादव पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जिस पार्टी ने कारसेवकों पर गोलियां चलवाईं, उस पार्टी के मुखिया से क्या अपेक्षा रख सकते हैं। उनके पिता के शासनकाल में कारसेवकों पर गोलियां चलवाई गईं, और अब वे दीप जलाने का विरोध कर रहे हैं। आप न तो सनातन धर्म का अखंड दीप जलाना चाहते हैं, न ही सनातन संस्कृति को फलने-फूलने देना चाहते हैं।
रामेश्वर शर्मा ने कहा कि आपको इसमें हमेशा फिजूलखर्ची ही नजर आती है। ईद पर तो बयानबाजी नहीं आती है। दीया स्वदेशी है और इससे प्रजापति का परिवार पलता है। उन्होंने कहा कि सनातन का दीया इतना मजबूत हो गया है कि अगले चुनाव में भी आपका सूपड़ा साफ ही होने वाला है। सनातन का विरोध करेंगे तो मुंह की खानी पड़ेगी.