क्या आस्था का मजाक उड़ाने वाले अब परेशान हैं? सीएम योगी का अखिलेश यादव पर निशाना

Click to start listening
क्या <b>आस्था</b> का <b>मजाक</b> उड़ाने वाले अब <b>परेशान</b> हैं? सीएम योगी का अखिलेश यादव पर <b>निशाना</b>

सारांश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जो लोग आस्था का मजाक उड़ाते थे, वे अब 26 लाख दीपों की चमक से परेशान हैं। इस बयान के बाद भाजपा में आक्रोश फैल गया है। क्या यह एक नया राजनीतिक विवाद है?

Key Takeaways

  • योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव पर कटाक्ष किया।
  • 26 लाख दीपों की चमक से परेशानी का जिक्र।
  • भाजपा में आक्रोश फैल गया।
  • राजनीतिक विवाद ने संस्कृति को प्रभावित किया।
  • अखिलेश यादव का बयान विवाद का कारण बना।

नई दिल्ली, 19 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव पर कटाक्ष करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि जिन्होंने कभी आस्था का मजाक उड़ाया और अयोध्या की सड़कों को राम भक्तों और कारसेवकों के खून से रंग दिया, वे अब 26 लाख से अधिक दीपों की चमक से परेशान हैं।

सीएम योगी ने आगे कहा कि स्थानीय प्रजापति और कुम्हार समुदायों द्वारा बनाए गए ये दीपक न केवल भक्ति के प्रतीक हैं, बल्कि आजीविका के अवसर भी प्रदान करते हैं, जिसे राम-द्वेषी स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं।

वास्तव में, सीएम योगी रामकथा पार्क में आयोजित भगवान राम के राज्याभिषेक समारोह में बोल रहे थे, जहां उन्होंने श्री राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े पूज्य संतों को सम्मानित भी किया।

उनकी यह टिप्पणी अखिलेश यादव द्वारा दिवाली के दौरान दीये और मोमबत्तियां जलाने पर बड़ी रकम खर्च करने की आवश्यकता पर सवाल उठाने से एक बड़े राजनीतिक विवाद को जन्म देने के एक दिन बाद आई है।

यादव की टिप्पणी पर कई भाजपा नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जिन्होंने उन पर हिंदू परंपराओं का अपमान और भारतीय संस्कृति के प्रति अवमानना दिखाने का आरोप लगाया है।

अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा था कि दुनिया भर में, क्रिसमस के दौरान शहर खूबसूरती से जगमगा उठते हैं और यह उत्सवी रोशनी महीनों तक बनी रहती है। हमें इससे प्रेरणा लेनी चाहिए। हमें दीयों और मोमबत्तियों पर पैसा खर्च करने और इस प्रक्रिया के बारे में ज्यादा सोचने की क्या जरूरत है? हमें इस पर पुनर्विचार करना चाहिए कि सरकार से क्या अपेक्षा की जाए; शायद इसमें बदलाव किया जाना चाहिए। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में और भी शानदार रोशनियाँ हों।

इस बयान से भाजपा में आक्रोश फैल गया और कई नेताओं ने यादव की कड़ी आलोचना की और कहा कि यह दिवाली और सनातन परंपराओं के प्रति अपमानजनक रवैया है।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने संवाददाताओं से कहा, "पूरा देश दिवाली का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मना रहा है, खासकर जीएसटी में कटौती के बाद। इसके बावजूद अखिलेश यादव का यह बयान कि उन्हें दिवाली के दीयों में समस्या नजर आती है, बेहद निंदनीय है।"

इसी तरह, भाजपा खेमे के कई नेता अब पूर्व सीएम को निशाना बनाने के लिए विवाद में कूद पड़े हैं और बिहार चुनाव नजदीक आने के साथ ही यह मुद्दा और तेज होने की संभावना है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि राजनीतिक बयानबाजी के पीछे की मंशा अक्सर संवेदनाओं को भड़काने की होती है। योगी आदित्यनाथ का यह बयान और अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया, दोनों ही समाज में विभाजन को बढ़ाने का काम कर रहे हैं। हमें समझना होगा कि संस्कृति और आस्था का मजाक उड़ाना किसी भी तरह से उचित नहीं है।
NationPress
19/10/2025

Frequently Asked Questions

योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव पर क्या आरोप लगाया?
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अखिलेश यादव और उनके समर्थकों ने कभी आस्था का मजाक उड़ाया और अब वे दीपों की चमक से परेशान हैं।
अखिलेश यादव का दिवाली के संदर्भ में क्या बयान था?
अखिलेश यादव ने कहा कि हमें दीयों और मोमबत्तियों पर अधिक खर्च करने के बजाय क्रिसमस की रोशनी से प्रेरणा लेनी चाहिए।
भाजपा नेताओं की प्रतिक्रिया क्या थी?
भाजपा नेताओं ने अखिलेश यादव के बयान को हिंदू परंपराओं का अपमान बताया है।