क्या भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर दिल्ली में उच्च स्तरीय बैठक हो रही है?

सारांश
Key Takeaways
- भारत-अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को मजबूत करने के प्रयास।
- बैठक में पारस्परिक लाभकारी समझौते की आवश्यकता पर जोर।
- ट्रेड डील का पहला चरण नवंबर 2025 तक पूरा होने की संभावना।
- दोनों देशों के बीच सकारात्मक चर्चाएं जारी।
- अमेरिकी राष्ट्रपति का सफल निष्कर्ष पर विश्वास।
नई दिल्ली, 16 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत और अमेरिका के मध्य द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर चर्चा को तेज करने के लिए मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान जारी कर इस बारे में जानकारी दी।
इस बैठक में अमेरिका के ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव कार्यालय से आई टीम का नेतृत्व चीफ नेगोशिएटर ब्रेंडन लिंच ने किया। वहीं, भारत की ओर से विशेष सचिव, वाणिज्य विभाग के नेतृत्व में अधिकारियों ने भाग लिया। इस बैठक में भारत-यूएस व्यापार संबंधों को और मज़बूत करने पर गहन चर्चा हुई।
वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय व्यापार की महत्वपूर्णता को स्वीकार करते हुए सकारात्मक और भविष्य की ओर उन्मुख चर्चाएं कीं। बातचीत में व्यापार समझौते से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई और यह तय किया गया कि एक पारस्परिक लाभकारी समझौते को शीघ्रता से अंतिम रूप देने के प्रयासों को तेज किया जाएगा।
इससे पहले, केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने 11 सितंबर को आश्वासन दिया था कि भारत-यूएस के बीच ट्रेड डील का पहला चरण नवंबर तक फाइनल हो सकता है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच चर्चा सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रही है और दोनों पक्ष वर्तमान प्रगति से संतुष्ट हैं।
गोयल ने कहा कि फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने मंत्रियों को इस समझौते पर काम करने और इस साल नवंबर तक पहले चरण को अंतिम रूप देने का निर्देश दिया था। इस ट्रेड डील का पहला चरण नवंबर 2025 तक पूरा होना चाहिए और मार्च से ही इस विषय पर बहुत अच्छे माहौल में गंभीर चर्चा चल रही है और प्रगति हो रही है। उन्होंने कहा कि इस प्रगति से दोनों पक्ष संतुष्ट हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर लिखा था कि वह दोनों देशों के बीच चल रही बातचीत से खुश हैं और उन्हें विश्वास है कि दोनों देश एक सफल निष्कर्ष पर पहुंचेंगे।