क्या पटियाला हाउस कोर्ट ने लाल किला बम धमाके के आरोपियों की एनआईए हिरासत बढ़ाई?
सारांश
Key Takeaways
- पटियाला हाउस कोर्ट ने आरोपियों की हिरासत बढ़ाई।
- लाल किला बम धमाका 10 नवंबर को हुआ था।
- एनआईए ने नौ लोगों को गिरफ्तार किया है।
- जांच में विदेशी हैंडलरों के संबंध सामने आ रहे हैं।
- यह मामला एक बड़े आतंकी नेटवर्क से जुड़ा हुआ प्रतीत होता है।
नई दिल्ली, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पटियाला हाउस कोर्ट ने लाल किला कार बम विस्फोट में दो आरोपियों की राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (एनआईए) हिरासत को बढ़ा दिया है। कोर्ट ने आरोपी यासिर अहमद डार की हिरासत को 10 दिनों और डॉ. बिलाल नसीर मल्ला की हिरासत को 8 दिनों के लिए बढ़ाने का आदेश दिया, ताकि एजेंसी उनसे गहन पूछताछ कर सके।
एनआईए की जांच के अनुसार, उमर-उन-नबी 10 नवंबर को लाल किला में विस्फोटक से भरी कार चला रहा था और वह इस आतंकवादी हमले का कथित षड्यंत्रकारी है। इस विस्फोट में 15 लोगों की जान गई थी।
एनआईए का कहना है कि हिरासत बढ़ाने का उद्देश्य सभी आरोपियों से विस्तृत पूछताछ करना और विस्फोट के पीछे के नेटवर्क को उजागर करना है। एजेंसी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि विस्फोट की योजना कैसे बनाई गई, सहयोगी कौन थे और हथियार एवं विस्फोटक सामग्री कैसे जुटाई गई।
एजेंसी ने डॉ. बिलाल नसीर मल्ला को 9 दिसंबर को गिरफ्तार किया था और उसे इस साजिश का मुख्य आरोपी माना गया है। इस मामले में अब तक डॉ. मुजम्मिल गनई, डॉ. अदील राथेर, डॉ. शाहीन सईद समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। अदालत की कार्यवाही के दौरान मीडिया कर्मियों को कार्यवाही कवर करने से रोका गया था।
बता दें कि यह धमाका एक हुंडई आई 20 कार में हुआ था, जिसमें आत्मघाती हमलावर उमर उन नबी ड्राइविंग सीट पर था। विस्फोट में 15 लोगों की मौत हो गई थी और 30 से अधिक लोग घायल हुए थे। जांच में यह पता चला है कि यासिर ने साजिश में सक्रिय भूमिका निभाई और अन्य आरोपियों के साथ लगातार संपर्क में था। वह उमर उन नबी और मुफ्ती इरफान जैसे आरोपियों से जुड़ा हुआ था।
एनआईए की जांच से यह मामला एक बड़े आतंकी नेटवर्क से जुड़ा प्रतीत होता है, जिसमें फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े कई डॉक्टर शामिल हैं। एजेंसी का मानना है कि यह मॉड्यूल जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों से लिंक है।
अब तक कई आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें डॉ. मुजम्मिल शकील गनी, डॉ. शाहीन सईद, मुफ्ती इरफान और अन्य शामिल हैं। इस महीने की शुरुआत में एनआईए ने जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश में कई ठिकानों पर छापेमारी की थी, जहाँ डिजिटल डिवाइस और संदिग्ध सामग्री बरामद की गई।
केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के साथ मिलकर एनआईए पूरी साजिश का पता लगाने में जुटी है। जांच में विदेशी हैंडलरों के लिंक भी सामने आ रहे हैं। यह गिरफ्तारी मामले में बड़ा कदम मानी जा रही है और आगे और खुलासे होने की उम्मीद है। इस हमले ने राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं और जांच तेजी से आगे बढ़ रही है।