दिल्ली बीएमडब्ल्यू एक्सीडेंट केस: गगनप्रीत की जमानत याचिका पर सुनवाई क्यों टली?

सारांश
Key Takeaways
- गगनप्रीत कौर की जमानत याचिका पर सुनवाई टली।
- पटियाला हाउस कोर्ट ने पुलिस को स्पीड डेटा लाने का निर्देश दिया।
- पुलिस ने जमानत खारिज करने की मांग की।
- पीड़ित परिवार ने गगनप्रीत के खिलाफ आपत्ति जताई।
- मामले में न्याय की प्रक्रिया महत्वपूर्ण है।
नई दिल्ली, २४ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली के बीएमडब्ल्यू कार दुर्घटना मामले में चालक गगनप्रीत कौर की जमानत याचिका पर गुरुवार के लिए सुनवाई स्थगित कर दी गई है। पटियाला हाउस कोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षों से लिखित जवाब प्रस्तुत करने को कहा है।
बुधवार को सुनवाई के दौरान, पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि वह बीएमडब्ल्यू कंपनी से संपर्क करके स्पीड डेटा प्राप्त करे। कोर्ट ने पुलिस से घटना का सीसीटीवी फुटेज भी लाने का अनुरोध किया है।
गगनप्रीत कौर के वकील प्रदीप कुमार ने कोर्ट में दलील दी कि वह पिछले १० दिन से हिरासत में हैं। उनका कहना है कि वे अग्रिम जमानत नहीं मांग रहे हैं, इसलिए पुलिस यह नहीं कह सकती कि गगनप्रीत जांच को प्रभावित कर सकती हैं।
वकील ने कहा कि हमने जांच में पूरा सहयोग किया है और मोबाइल फोन एवं ड्राइविंग लाइसेंस भी पुलिस को प्रदान किए हैं।
इसके बाद, पीड़ित पक्ष ने गगनप्रीत की जमानत का विरोध करते हुए कहा कि अगर उन्हें घटना के बाद वहीं छोड़ दिया गया होता तो स्थिति बेहतर होती। उन्हें १९ किलोमीटर दूर ले जाया गया, जबकि वेंकटेश्वर हॉस्पिटल सबसे नजदीक था।
दिल्ली पुलिस ने भी बुधवार को कोर्ट में अपना पक्ष रखा। पुलिस ने गगनप्रीत की जमानत याचिका खारिज करने की मांग करते हुए कहा, "दुर्घटना के मामले में 'गोल्डन आवर' बहुत महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने उसे इतनी दूर ले जाकर गवां दिया, जबकि रास्ते में कई बड़े अस्पताल थे।"
दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया कि आरोपी ने न्यूलाइफ हॉस्पिटल में अपने बचाव के लिए एमएलसी तैयार कराया।
दलीलें सुनने के बाद, कोर्ट ने सभी पक्षों से लिखित जवाब मांगा है। याचिका पर कोर्ट गुरुवार को २ बजे फिर से सुनवाई करेगा।
सुनवाई के बाद मीडिया से बातचीत में गगनप्रीत कौर के वकील प्रदीप कुमार ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट एक-दो दिन में आ जाएगी, जिससे मृत्यु का सही समय ज्ञात होगा। मामले की सुनवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
पीड़िता के वकील अतुल कुमार ने कहा, "बुधवार की सुनवाई में बचाव पक्ष ने दलील दी कि एफआईआर और सीसीटीवी फुटेज में दुर्घटना का विवरण अलग-अलग है। उनका दावा है कि आरोपी ने घायल की मदद करने की कोशिश की थी, इसलिए उसे न्यूलाइफ अस्पताल ले गया। इस वजह से और इस तथ्य के कारण कि पीड़िता के दो बच्चे हैं, वे जमानत की मांग कर रहे हैं। हमने अपनी तरफ से दलीलें रखी हैं।"