क्या दिल्ली क्राइम ब्रांच ने आईएसआई से जुड़े हथियार गिरोह का भंडाफोड़ किया, चार गिरफ्तार?
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली क्राइम ब्रांच ने एक अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया।
- गिरोह पाकिस्तान की आईएसआई से जुड़ा हुआ था।
- चार आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं।
- गिरफ्तार आरोपियों के पास से महंगी पिस्टल और कारतूस मिले।
- पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों की जांच कर रही है।
नई दिल्ली, 22 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली क्राइम ब्रांच ने एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। पुलिस ने एक बड़े ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़ा एक अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए चार मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
यह गिरोह पाकिस्तान के माध्यम से तुर्की और चीन में बने हाई एंड पिस्टल भारत में सप्लाई कर रहा था। इन हथियारों का इस्तेमाल देश में सक्रिय गैंगस्टरों और आपराधिक नेटवर्क द्वारा किया जा रहा था।
पुलिस के अनुसार, जांच में पता चला है कि यह नेटवर्क पाकिस्तान से बड़े पैमाने पर आधुनिक हथियार भारत भेज रहा था। ये हथियार पहले पाकिस्तान में पहुंचाए जाते थे, फिर वहां से ड्रोन के जरिए पंजाब में गिराए जाते थे। इसके बाद दिल्ली और आस-पास के राज्यों में इन हथियारों की सप्लाई की जाती थी, जहां इन्हें आपराधियों और गैंगस्टरों तक पहुंचाया जाता था।
गिरफ्तार आरोपियों के पास से 10 विदेशी महंगी पिस्टल और 92 जिंदा कारतूस बरामद किए गए। प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि गिरफ्तार चार आरोपियों में से दो पंजाब के निवासी हैं और पंजाब में तस्करी नेटवर्क के लिए लॉजिस्टिक सपोर्ट प्रदान करते थे।
अधिकारियों का कहना है कि यह पूरा नेटवर्क पाकिस्तान आईएसआई के मार्गदर्शन और संरक्षण में काम कर रहा था। भारत की सीमा में अवैध हथियारों की तस्करी एक सुनियोजित रणनीति के तहत की जा रही थी। पुलिस के अनुसार, यह नेटवर्क काफी समय से सक्रिय था और हथियारों की मांग में वृद्धि के कारण गैंगस्टरों और आपराधियों को यह लगातार सप्लाई दी जा रही थी।
क्राइम ब्रांच अब यह पता लगाने में जुटी है कि इस गिरोह ने भारत में अब तक कितने हथियार सप्लाई किए हैं और वे किन-किन आपराधिक गिरोहों या व्यक्तियों तक पहुंचे। इसके लिए पुलिस मोबाइल फोन रिकॉर्ड, बैंक लेनदेन, डिजिटल पेमेंट, सोशल मीडिया संपर्क और सीमाई इलाकों के नेटवर्क की गहन जांच कर रही है। इसके अलावा गिरोह के अन्य सदस्यों और अंतरराष्ट्रीय लिंक की पहचान के लिए भी पूछताछ जारी है।