क्या पुलिस वीआईपी सुरक्षा में व्यस्त रहने पर जनता की सुरक्षा सुनिश्चित कर पाएगी?
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली में हुई कार विस्फोट की घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाया।
- कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा ने दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की मांग की है।
- हरियाणा में अपराध की स्थिति चिंताजनक है।
- सरकार को राजनीति करने के बजाय सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए।
- वीआईपी सुरक्षा से आम जनता की सुरक्षा प्रभावित हो रही है।
चंडीगढ़, १३ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के निकट हुए कार विस्फोट की घटना पर कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा ने केंद्र सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के कार्यों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। अरोड़ा ने कहा कि दिल्ली में इस प्रकार की घटना होना सुरक्षा एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर बड़ा प्रश्न चिह्न है। जब चारों ओर सुरक्षा बल तैनात होते हैं, तब ऐसी घटनाओं का होना इस बात का संकेत है कि कहीं न कहीं एक बड़ी चूक हुई है। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ त्वरित और कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।
कांग्रेस विधायक ने कहा, "दिल्ली में हुए धमाके की जितनी भी निंदा की जाए, वह कम है। यह हमारे सुरक्षा तंत्र की असफलता को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। लाल किला जैसी जगह, जो हमेशा कड़ी सुरक्षा में रहती है, अगर वहां धमाका हो सकता है, तो यह अत्यंत चिंताजनक है।"
अरोड़ा ने आगे कहा कि जब राजधानी में इस प्रकार की घटनाएं घटती हैं, तो आम जनता का विश्वास हिल जाता है। कानून-व्यवस्था की स्थिति निरंतर बिगड़ रही है। सरकार को चाहिए कि इसे राजनीतिक मुद्दा बनाने के बजाय राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला मानते हुए दोषियों को कठोर दंड दिलाए।
फरीदाबाद में हाल ही में हुए आतंकी मॉड्यूल मामले पर अरोड़ा ने हरियाणा सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, "हरियाणा में अपराध की दर लगातार बढ़ती जा रही है। सरकार जनता की सुरक्षा के बजाय कार्यक्रम आयोजित करने में अधिक व्यस्त दिखाई देती है।"
उन्होंने कहा कि राज्य में अपराध नियंत्रण की जिम्मेदारी पुलिस की है, लेकिन जब पुलिस बल को निरंतर वीआईपी सुरक्षा या राजनीतिक रैलियों में तैनात किया जाता है, तो आम जनता की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित होगी? यदि पुलिस का ध्यान केवल वीआईपी सुरक्षा और रैलियों की व्यवस्था में रहेगा, तो अपराध पर कैसे काबू पाया जाएगा?
अरोड़ा ने कहा कि हरियाणा में लोगों के बीच असुरक्षा की भावना बढ़ती जा रही है। अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और सरकार केवल दिखावे के आयोजनों में लगी हुई है। जनता को उम्मीद है कि सरकार अपने मूल कर्तव्यों पर ध्यान केंद्रित करे और पुलिस को स्वतंत्र रूप से काम करने का अवसर दे।