क्या दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई, जब साफ हवा नहीं दे पा रहे तो एयर प्यूरीफायर पर जीएसटी को कम क्यों नहीं किया?
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार की नीति पर सवाल उठाया।
- एयर प्यूरीफायर पर जीएसटी को कम करने की मांग की गई।
- वायु प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है।
नई दिल्ली, 24 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण और एयर प्यूरीफायर पर अधिक जीएसटी को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने स्पष्ट भाषा में कहा कि जब सरकार और संबंधित एजेंसियां नागरिकों को सांस लेने लायक साफ हवा तक उपलब्ध नहीं करा पा रही हैं, तो कम से कम यह किया जा सकता है कि एयर प्यूरीफायर को सस्ता किया जाए, ताकि लोग अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य की रक्षा कर सकें।
यह मामला एयर प्यूरीफायर को चिकित्सा उपकरण की श्रेणी में पुनर्वर्गीकृत करने और उस पर लगने वाले 18 प्रतिशत जीएसटी को घटाकर 5 प्रतिशत करने की मांग से संबंधित है। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने दिल्ली में प्रदूषण की गंभीर स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा कि हजारों लोग खराब हवा के कारण बीमार हो रहे हैं, फिर भी सरकार ठोस कदम उठाने में असफल रही है। हम दिन में 21 हजार बार सांस लेते हैं; सोचिए, प्रदूषित हवा में सांस लेने से कितना नुकसान होगा। कोर्ट ने सुझाव दिया कि कम से कम एक सप्ताह या महीने के लिए तो एयर प्यूरीफायर पर जीएसटी को हटा देना चाहिए।
अदालत ने केंद्र सरकार के वकील से पूछा कि जब स्थिति इतनी गंभीर है, तो समय सीमा का क्या महत्व है? कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की कि बढ़ते प्रदूषण के कारण लोग मर रहे हैं और हर नागरिक को साफ हवा की आवश्यकता है। अगर सरकार यह भी नहीं उपलब्ध करा पा रही है, तो कम से कम इतना तो करें कि लोग एयर प्यूरीफायर खरीद सकें।
केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील ने अदालत को बताया कि यह मामला प्रक्रियाधीन है और इसे तय समय सीमा के भीतर हल कर लिया जाएगा। इस पर कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की कि इस पर जवाब देने के लिए 15 दिन क्यों चाहिए? क्या सरकार वेकेशन बेंच के दौरान भी जवाब नहीं दे सकती? कोर्ट ने पूछा कि सरकार आखिर प्रस्ताव क्या ला रही है और इसे कब तक स्पष्ट किया जाएगा।
हाईकोर्ट ने यह भी पूछा कि एयर इमरजेंसी के दौरान नेशनल सिक्योरिटी एक्ट के तहत अस्थायी उपायों के तौर पर छूट क्यों नहीं दी जा सकती? सरकार जीएसटी काउंसिल की मीटिंग को क्यों नहीं बुलाती? जीएसटी काउंसिल कब बैठेगी, यह बताया जाए। क्या जीएसटी काउंसिल के सामने यह प्रस्ताव जा रहा है?
इस पर केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि यह मुद्दा पहले ही संसदीय समिति के सामने उठाया जा चुका है और समिति ने इस संबंध में निर्देश भी दिए हैं। मामले की आगे की सुनवाई दोपहर 2:30 बजे फिर से होगी।