क्या दिल्ली में एलजी के नोटिफिकेशन के खिलाफ वकील 8 सितंबर से प्रदर्शन करेंगे?

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क्या दिल्ली में एलजी के नोटिफिकेशन के खिलाफ वकील 8 सितंबर से प्रदर्शन करेंगे?

सारांश

दिल्ली के वकीलों ने उपराज्यपाल के आदेश के खिलाफ एकता दिखाई है। 8 सितंबर से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार और विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई गई है। यह निर्णय न्यायिक स्वतंत्रता के संरक्षण के लिए है। जानिए इस मामले के पीछे क्या कारण हैं।

Key Takeaways

  • 8 सितंबर से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार की घोषणा
  • वकीलों का विरोध उपराज्यपाल के नोटिफिकेशन के खिलाफ
  • न्यायिक प्रक्रिया की स्वतंत्रता की रक्षा की आवश्यकता

नई दिल्ली, 4 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली की सभी जिला अदालतों के वकीलों ने उपराज्यपाल द्वारा जारी किए गए 13 अगस्त के नोटिफिकेशन और 4 सितंबर को जारी सर्कुलर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ ऑल डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन ऑफ दिल्ली ने यह घोषणा की है कि 8 सितंबर से सभी जिला अदालतों में अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार किया जाएगा और इस आदेश के खिलाफ तेज विरोध प्रदर्शन भी होंगे।

13 अगस्त को दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया था कि पुलिसकर्मियों की गवाही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पुलिस थानों से रिकॉर्ड की जाएगी। इसके खिलाफ दिल्ली की वकील बिरादरी ने कड़ा विरोध जताया है। वकीलों का कहना है कि यह फैसला न्यायिक प्रक्रिया की स्वतंत्रता और निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार के खिलाफ है।

इस मुद्दे पर 2 सितंबर को वकीलों के प्रतिनिधिमंडल और दिल्ली बार काउंसिल के सदस्यों ने केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात की थी। बैठक में गृह मंत्री ने आश्वासन दिया था कि इस संबंध में एक स्पष्टीकरण जारी किया जाएगा, जिसमें यह स्पष्ट किया जाएगा कि पुलिसकर्मियों की गवाही थाने से नहीं होगी।

हालांकि, 4 सितंबर को दिल्ली पुलिस आयुक्त कार्यालय से जो सर्कुलर जारी किया गया, वह वकीलों के अनुसार गृह मंत्री द्वारा दिए गए आश्वासन के खिलाफ है। इस सर्कुलर में कहा गया है कि गवाहों को 'फॉर्मल' और 'मैटेरियल' श्रेणियों में बांटा गया है और उनकी पेशी का निर्णय अदालत के विवेक पर छोड़ा गया है।

कोऑर्डिनेशन कमेटी ने कहा है कि यह सर्कुलर न्याय प्रणाली की पारदर्शिता, आरोपी के बचाव के अधिकार और निष्पक्ष सुनवाई के सिद्धांतों के खिलाफ है। कमेटी ने सख्त शब्दों में कहा कि यह आदेश जनविरोधी और तानाशाही वाला है।

कोऑर्डिनेशन कमेटी ने निर्णय लिया है कि 8 सितंबर से दिल्ली की सभी जिला अदालतों में वकील अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे। तेज और आक्रामक विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे। जब तक सरकार स्पष्ट और संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं देती, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।

Point of View

यह स्पष्ट है कि न्यायिक प्रक्रिया की पारदर्शिता और स्वतंत्रता किसी भी लोकतांत्रिक समाज के लिए अनिवार्य है। वकीलों का विरोध केवल उनके अधिकारों की रक्षा के लिए नहीं, बल्कि एक स्वतंत्र न्याय प्रणाली की आवश्यकता के लिए भी है।
NationPress
04/09/2025

Frequently Asked Questions

क्या वकील अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे?
हाँ, 8 सितंबर से सभी जिला अदालतों में वकील अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे।
उपराज्यपाल का नोटिफिकेशन किसके खिलाफ है?
यह नोटिफिकेशन वकीलों के अनुसार न्यायिक प्रक्रिया की स्वतंत्रता और निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार के खिलाफ है।
क्या गृह मंत्री ने आश्वासन दिया था?
हाँ, गृह मंत्री ने इस संबंध में स्पष्टीकरण देने का आश्वासन दिया था।