क्या दिल्ली में फर्जी क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया गया?

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क्या दिल्ली में फर्जी क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया गया?

सारांश

दिल्ली की साइबर पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जिसने फर्जी क्रेडिट कार्ड के जरिए एक लाख रुपए की ठगी की। जानें आरोपी ने किस प्रकार लोगों को ठगा और पुलिस ने कैसे उसे पकड़ा।

Key Takeaways

  • फर्जी क्रेडिट कार्ड के मामलों में वृद्धि हो रही है।
  • साइबर ठग ओटीपी के माध्यम से ठगी करते हैं।
  • सुरक्षित रहने के लिए हमेशा बैंक की आधिकारिक हेल्पलाइन से सत्यापन करें।
  • साइबर ठगों से बचने के लिए सतर्कता आवश्यक है।
  • किसी भी जानकारी को साझा करने से पहले सावधानी बरतें।

नई दिल्ली, 21 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली की आउटर नॉर्थ जिला साइबर पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जिसने फर्जी क्रेडिट कार्ड जारी कर, उसे सक्रिय करने के बहाने एक बैंक खाते से 1 लाख रुपए की ठगी की थी।

शिकायतकर्ता को 10 अक्टूबर को एक फोन कॉल आई, जिसमें कॉलर ने खुद को एक निजी बैंक का प्रतिनिधि बताया और कहा कि उनके नाम पर एक क्रेडिट कार्ड जारी किया गया है, जिसे सक्रिय करना आवश्यक है।

शुरुआत में शिकायतकर्ता ने इनकार किया, लेकिन जब उन्होंने बैंक के मोबाइल ऐप पर चेक किया, तो पाया कि उनके नाम पर वाकई में कार्ड जारी हुआ है। इसके बाद, कॉलर के बहकावे में आकर उन्होंने ओटीपी साझा कर दिया। ओटीपी साझा होते ही, उनके खाते से 1 लाख रुपए कट गए।

इस मामले में 27 दिसंबर को थाना साइबर आउटर नॉर्थ में एफआईआर दर्ज की गई थी। मामले की जांच के लिए एएसआई वेद और एचसी विकास की टीम बनाई गई, जिसका नेतृत्व इंस्पेक्टर गोविंद सिंह कर रहे थे।

जांच के दौरान पता चला कि ठगी की राशि पहले हबीफ सैफ के खाते में पीजी सेटलमेंट के जरिए 14 अक्टूबर को पहुंची और फिर तीन ट्रांजेक्शन के माध्यम से पानीपत के बैंक ऑफ इंडिया के खाते में ट्रांसफर हुई। यह खाता पानीपत निवासी अमित (27) के नाम पर था।

आरोपी अमित को पहले भी थाना द्वारका में गिरफ्तार किया जा चुका है। टीम ने 19 सितंबर को आरोपी को गिरफ्तार किया और पूछताछ के दौरान उसने अपने अपराध को स्वीकार कर लिया।

पूछताछ में यह भी पता चला कि अमित और उसके साथी नकली क्रेडिट कार्ड बनाकर बेचते थे। वे बैंक प्रतिनिधि बनकर लोगों को कॉल करते थे और नए कार्ड को सक्रिय करने के नाम पर ओटीपी मांगते थे। ओटीपी हासिल कर, वे बैंक खातों तक अनधिकृत पहुँच बना लेते थे और पेमेंट गेटवे व फर्जी खातों के जरिए पैसे ट्रांसफर कर लेते थे।

जांच के दौरान इसी तरह की तीन और शिकायतें आरोपी से जुड़ी मिलीं, जिससे उसके बड़े साइबर फ्रॉड नेटवर्क में शामिल होने की आशंका बढ़ गई है। अन्य साथियों और पैसे के लाभार्थियों की भूमिका की जांच जारी है।

आउटर नॉर्थ जिला पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे कभी भी कॉल पर ओटीपी, पिन या बैंकिंग डिटेल साझा न करें। बैंक कभी ऐसी जानकारी नहीं मांगते। ऐसे मामलों में हमेशा बैंक की आधिकारिक हेल्पलाइन से सत्यापन करें।

Point of View

डिजिटल ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, और हमें सतर्क रहना चाहिए। हमें हमेशा अपनी व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रखना चाहिए।
NationPress
21/09/2025

Frequently Asked Questions

फर्जी क्रेडिट कार्ड क्या है?
फर्जी क्रेडिट कार्ड वह कार्ड है जो किसी व्यक्ति के नाम पर बिना उसकी अनुमति के जारी किया गया हो।
यदि मुझे ठगी का शिकार होना पड़े तो मुझे क्या करना चाहिए?
आपको तुरंत अपने बैंक से संपर्क करना चाहिए और मामले की रिपोर्ट करनी चाहिए।
क्या बैंक कभी फोन पर ओटीपी मांगते हैं?
नहीं, बैंक कभी भी फोन पर ओटीपी या अन्य संवेदनशील जानकारी नहीं मांगते।
क्या मैं अपने बैंक खाते को सुरक्षित रख सकता हूँ?
हाँ, आप अपने बैंक खाते को सुरक्षित रखने के लिए मजबूत पासवर्ड का उपयोग कर सकते हैं और अपनी जानकारी को साझा न करें।
साइबर ठगी से कैसे बचें?
कभी भी अनजान कॉल पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें और हमेशा आधिकारिक स्रोतों से सत्यापन करें।