क्या दिल्ली में एक्यूआई 385 के पार पहुंच गया है? डॉक्टरों की सलाह क्या है?
सारांश
Key Takeaways
- वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 385 के पार पहुँचा है।
- डॉक्टरों ने घर के अंदर रहने की सलाह दी है।
- प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव हो सकते हैं।
- कम तापमान और ठंडी हवाएँ प्रदूषण को बढ़ा रही हैं।
- अधिकारियों को स्थिति पर नजर रखने की योजना है।
नई दिल्ली, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली में एक बार फिर वायु प्रदूषण की समस्याएँ बढ़ रही हैं। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 385 तक पहुँच गया है, जिसे “बहुत खराब” श्रेणी में रखा गया है। दिल्ली-एनसीआर में ठंड के मौसम से जूझ रहे लोगों को वायु प्रदूषण से राहत नहीं मिल रही है।
यह प्रदूषण का स्तर ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (जीआरएपी) स्टेज-III की पाबंदियों को हटाने के एक दिन बाद उच्चतम स्तर पर पहुँच गया है, जिन्हें गंभीर प्रदूषण के स्तर को रोकने के लिए लागू किया जाता है। हालाँकि, यह राहत ज्यादा देर तक नहीं रही, क्योंकि हवा की गुणवत्ता एक बार फिर तेजी से गिर गई। गुरुवार को एक्यूआई 377 था, जबकि पिछले दिन यह 327 था, जिससे 24 घंटों में हवा की गुणवत्ता में भारी गिरावट आई।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने स्पष्ट किया है कि स्टेज-III की पाबंदियाँ तभी वापस लगाई जाएँगी जब एक्यूआई 400 को पार करेगा, जो कि “गंभीर” श्रेणी में आता है। तब तक अधिकारी बिना किसी सख्त उपाय के स्थिति पर नजर रखने की योजना बना रहे हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, हवा की रफ्तार कम रहने के कारण गुरुवार को प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता रहा। सुबह 8 बजे एक्यूआई 351 था, जो शाम 7 बजे तक 381 तक पहुँच गया।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि दिन के अधिकतर समय हवा लगभग स्थिर रही, केवल 4-5 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल रही थी, जो प्रदूषण को फैलाने के लिए अपर्याप्त थी। अनुमान है कि अगले कुछ दिनों तक राष्ट्रीय राजधानी “बहुत खराब” श्रेणी में ही रहेगी।
दिल्ली और आसपास के शहरों में चल रही ठंडी हवाएँ स्थिति को और गंभीर बना रही हैं। कम तापमान, कोहरा और अधिक प्रदूषण लोगों की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं।
दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत के कई शहरों में तापमान में 8 से 12 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है। सुबह से शहर में धुंध की मोटी परत छाई हुई थी, और शाम को यह वापस आ गई, जिससे विजिबिलिटी काफी कम हो गई।
डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि इस प्रकार की प्रदूषित हवा में सांस लेना गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है, विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और सांस या दिल की बीमारियों से ग्रसित व्यक्तियों के लिए। उन्होंने सलाह दी है कि लोग जितना संभव हो सके घर के अंदर रहें, मेहनत वाली बाहरी गतिविधियों से बचें और केवल आवश्यक होने पर ही बाहर निकलें।