क्या दिल्ली में यमुना की सफाई के लिए विश्व की एडवांस तकनीक और मशीनें इस्तेमाल होंगी?

सारांश
Key Takeaways
- यमुना की सफाई के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा।
- दिल्ली सरकार ने 2,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है।
- नई मशीनें दिसंबर तक दिल्ली में आएंगी।
- सभी नालों पर एसटीपी स्थापित किए जाएंगे।
- यमुना घाट पर छठ पर्व मनाया जाएगा।
नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली की भाजपा सरकार ने यमुना की सफाई के प्रति एक बार फिर अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है। पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा ने बताया कि यमुना की सफाई आधुनिक तकनीकों और उच्चतम मशीनों के सहारे की जाएगी।
मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक वीडियो साझा करते हुए कहा कि एक नई आधुनिक मशीन यमुना और दिल्ली के बड़े नालों की सफाई के लिए दिसंबर तक दिल्ली में पहुंच जाएगी। फिनलैंड ने जल संबंधी समस्याओं में काफी प्रगति की है।
उन्होंने उल्लेख किया कि यमुना को साफ करने के लिए भारत में निर्मित मशीनों के साथ-साथ विश्व की सभी आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा।
प्रवेश वर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में कुछ वर्षों में यमुना को साफ करने का कार्य सफलतापूर्वक पूरा किया जाएगा।
इससे पहले, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया था कि दिल्ली में 1,300 करोड़ रुपये की लागत से एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) का निर्माण, 99 करोड़ रुपये की लागत से पेयजल परियोजनाएं, और 300 करोड़ रुपये की लागत से सीवर सिस्टम को मजबूत करने की योजनाओं पर कार्य चल रहा है।
उन्होंने कहा कि जब तक एसटीपी नहीं बनेंगे, तब तक यमुना का पानी साफ नहीं हो सकता। हर एक नाले पर एसटीपी स्थापित किए जा रहे हैं ताकि गंदे पानी को सीधे नदी में जाने से रोका जा सके।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि यमुना घाट के दोनों किनारों पर अब छठ पर्व मनाया जाएगा और सरकार पूर्वांचल के लोगों के साथ मजबूती से खड़ी है।
उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने पहले भी 2,000 करोड़ रुपये यमुना सफाई परियोजना के लिए आवंटित किए थे, लेकिन पिछली सरकारों ने उनका उपयोग नहीं किया। अब केंद्र और दिल्ली सरकार मिलकर ठोस कदम उठा रही हैं ताकि आने वाले वर्षों में यमुना को पूरी तरह से साफ किया जा सके।