क्या दिल्ली में आवारा कुत्तों की आबादी नियंत्रण के लिए नई गाइडलाइन जारी हुई?

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क्या दिल्ली में आवारा कुत्तों की आबादी नियंत्रण के लिए नई गाइडलाइन जारी हुई?

सारांश

दिल्ली सरकार ने आवारा कुत्तों की बढ़ती आबादी को नियंत्रित करने के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। अब केवल मान्यता प्राप्त एनजीओ ही एबीसी कार्यक्रम चला सकेंगे। जानें इस गाइडलाइन के मुख्य बिंदुओं के बारे में।

Key Takeaways

  • नई गाइडलाइन के तहत केवल मान्यता प्राप्त एनजीओ को एबीसी कार्यक्रम चलाने की अनुमति है।
  • फीडिंग पॉइंट्स का निर्धारण होगा ताकि साफ-सफाई बनी रहे।
  • हर पालतू कुत्ते का पंजीकरण और टीकाकरण अनिवार्य है।
  • आक्रामक कुत्तों के लिए शेल्टर होम बनाए जाएंगे।
  • किसी कुत्ते को मारना या हटाना गैरकानूनी होगा।

नई दिल्ली, 16 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली सरकार ने राजधानी में तेजी से बढ़ रही आवारा कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करने के लिए एक नई और सख्त गाइडलाइन जारी की है। इस नई व्यवस्था के तहत अब केवल एडब्ल्यूबीआई (भारतीय पशु कल्याण बोर्ड) से मान्यता प्राप्त एनजीओ ही एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) प्रोग्राम संचालित कर सकेंगे।

इसके लिए प्रशिक्षित डॉक्टरों और स्टाफ की नियुक्ति अनिवार्य होगी, ताकि नसबंदी और टीकाकरण का कार्य सुरक्षित और मानकों के अनुसार हो सके।

हर एबीसी सेंटर में विशेष इंतजाम करने होंगे, जिसमें क्वारंटीन केनेल, ऑपरेशन थिएटर, वैन, शवों के निपटान के लिए इन्सीनेरेटर, सीसीटीवी कैमरे और रिकॉर्ड रखने की समुचित व्यवस्था शामिल हैं। इसके अलावा, हर महीने एक स्थानीय एबीसी मॉनिटरिंग कमेटी प्रगति की समीक्षा करेगी और सालाना रिपोर्ट एडब्ल्यूबीआई को भेजना अनिवार्य होगा।

फीडिंग व्यवस्था को लेकर भी दिशा-निर्देश सख्त किए गए हैं। अब हर वार्ड में कुत्तों को खाना देने के लिए निर्धारित फीडिंग पॉइंट होंगे। किसी भी अन्य स्थान पर आवारा कुत्तों को खाना खिलाना मना होगा और जहां फीडिंग होगी, वहां साफ-सफाई बनाए रखना भी आवश्यक होगा।

सरकार ने नागरिकों को कुत्तों से जुड़े जिम्मेदार व्यवहार सिखाने के लिए जागरूकता अभियान चलाने की बात भी कही है। इसमें कुत्तों के व्यवहार, नसबंदी, रेबीज टीकाकरण, और उनके साथ संयमित आचरण को लेकर जानकारी दी जाएगी।

अब से तीन महीने से अधिक उम्र के हर पालतू कुत्ते का वार्षिक पंजीकरण और रेबीज़ टीकाकरण अनिवार्य कर दिया गया है। भारतीय नस्ल के कुत्ते अपनाने वालों को पंजीकरण शुल्क नहीं देना होगा और साथ ही नसबंदी व टीकाकरण की सुविधा मुफ्त में मिलेगी।

आक्रामक या रेबीज संदिग्ध कुत्तों को अलग रखकर उनकी निगरानी की जाएगी। यदि कोई कुत्ता रेबीज पॉजिटिव पाया जाता है, तो वैज्ञानिक तरीके से उसका शव निपटाया जाएगा। इसके अलावा, ऐसे आक्रामक कुत्तों के लिए स्थायी शेल्टर होम बनाए जाएंगे।

शिकायतों के समाधान के लिए हर स्थानीय निकाय में 24x7 हेल्पलाइन और ऑनलाइन पोर्टल शुरू किए जाएंगे। शिकायतों का रजिस्टर रखा जाएगा और उन्हें समय पर सुलझाया जाएगा।

सरकार ने स्पष्ट किया है कि किसी भी कुत्ते को मारना या जबरन उसके इलाके से हटाना गैरकानूनी होगा। ऐसा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

Point of View

यह गाइडलाइन दिल्ली की आवारा कुत्तों की समस्या को नियंत्रित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि, इसे सफल बनाने के लिए नागरिकों की जागरूकता और सहयोग भी आवश्यक है।
NationPress
16/09/2025

Frequently Asked Questions

क्या आवारा कुत्तों के लिए एबीसी कार्यक्रम अब केवल एनजीओ द्वारा चलाया जाएगा?
हाँ, नई गाइडलाइन के अनुसार, केवल एडब्ल्यूबीआई से मान्यता प्राप्त एनजीओ ही एबीसी कार्यक्रम चला सकेंगे।
क्या पालतू कुत्तों का पंजीकरण अनिवार्य है?
जी हाँ, तीन महीने से अधिक उम्र के हर पालतू कुत्ते का वार्षिक पंजीकरण और रेबीज़ टीकाकरण अनिवार्य कर दिया गया है।
क्या आवारा कुत्तों को मारना अब भी कानूनी है?
नहीं, किसी भी कुत्ते को मारना या जबरन उसके इलाके से हटाना गैरकानूनी है।
क्या सरकार ने शिकायतों के समाधान के लिए कुछ व्यवस्था की है?
हाँ, हर स्थानीय निकाय में 24x7 हेल्पलाइन और ऑनलाइन पोर्टल शुरू किए जाएंगे।
क्या आक्रामक कुत्तों के लिए कोई विशेष प्रावधान हैं?
हाँ, आक्रामक या रेबीज संदिग्ध कुत्तों के लिए स्थायी शेल्टर होम बनाए जाएंगे।