क्या कांग्रेस दिल्ली में अपने संगठन को मज़बूत कर पाएगी? देवेंद्र यादव ने कहा- हम सफल होंगे!

सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस का संगठन सृजन अभियान दिल्ली में चल रहा है।
- कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग दी जाएगी।
- अभियान का उद्देश्य संगठन को मज़बूत करना है।
- कांग्रेस ने इस वर्ष को ‘संगठन सृजन वर्ष’ घोषित किया है।
- प्रशिक्षण सत्र 11 जुलाई तक चलेगा।
नई दिल्ली, 5 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस पार्टी के ‘संगठन सृजन अभियान’ के तहत राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्थित बाबरपुर में शनिवार को एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में ब्लॉक स्तर के नेताओं और कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग दी जाएगी।
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में पार्टी के ‘संगठन सृजन अभियान’ की जानकारी साझा की। उन्होंने कहा, "मुझे खुशी है कि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी अब दिल्ली के सभी 14 जिलों में ‘संगठन सृजन’ पहल के तहत प्रशिक्षण चरण में प्रवेश कर चुकी है, जहां हमने पहले ही संगठनात्मक ढांचा तैयार कर लिया है। आज बाबरपुर जिले में पहले प्रशिक्षण सत्र की शुरुआत हुई है। एआईसीसी के सहयोग से पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए बाबरपुर में ट्रेनिंग की शुरुआत की गई है। ये कार्यक्रम 11 जुलाई तक विभिन्न जिलों में जारी रहेगा।"
उन्होंने आगे कहा, "हमने इस ट्रेनिंग के लिए तीन महत्वपूर्ण विषय निर्धारित किए हैं: कांग्रेस का इतिहास, पार्टी का भविष्य का विजन और संगठन सृजन पर ध्यान दिया जाएगा। साथ ही चुनाव पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा, ताकि पार्टी को मजबूती दी जा सके। मुझे उम्मीद है कि इस अभियान के तहत दिल्ली में कांग्रेस पार्टी अपने संगठन को फिर से मज़बूत करने में सफल रहेगी।"
कांग्रेस के दिल्ली प्रभारी काजी निजामुद्दीन ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "इस वर्ष को कांग्रेस पार्टी ने ‘संगठन सृजन वर्ष’ घोषित किया है। हम ब्लॉक, मंडलम और जिला स्तर पर अपने संगठन का निर्माण कर रहे हैं। इन संगठनात्मक इकाइयों के गठन के बाद अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की एक टीम उन्हें प्रशिक्षित करेगी कि उन्हें कैसे कार्य करना है, जनता से कैसे जुड़ना है, कांग्रेस पार्टी उनसे क्या अपेक्षा रखती है और उनकी जिम्मेदारियां क्या हैं। इन सभी मुद्दों पर हमारा ध्यान केंद्रित रहेगा।"
गौरतलब है कि दिल्ली में विधानसभा के चुनाव इसी साल हुए थे, जिसमें कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा था। पार्टी विधानसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। ऐसे में इस अभियान के माध्यम से पार्टी को मज़बूत करने पर जोर दिया जा रहा है।