क्या दिल्ली में पहली बार वाल्मीकि जयंती पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करना स्वागतयोग्य कदम है?

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क्या दिल्ली में पहली बार वाल्मीकि जयंती पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करना स्वागतयोग्य कदम है?

सारांश

दिल्ली में पहली बार वाल्मीकि जयंती पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा एक महत्वपूर्ण कदम है। इस अवसर पर भव्य पुष्पांजलि सभा का आयोजन किया गया, जिसमें कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। क्या इससे धार्मिक और सांस्कृतिक समरसता को बढ़ावा मिलेगा? जानिए इस विषय में और भी जानकारी।

Key Takeaways

  • दिल्ली में पहली बार वाल्मीकि जयंती पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया।
  • महर्षि वाल्मीकि को रामायण के रचयिता के रूप में याद किया गया।
  • दिल्ली सरकार ने आयोजन के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की है।
  • भाजपा सरकार ने धार्मिक त्योहारों को धूमधाम से मनाने का संकल्प लिया है।
  • समाज में समानता और आध्यात्मिक जागरूकता के प्रतीक के रूप में महर्षि वाल्मीकि को सम्मानित किया गया।

नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष मोहन लाल गिहरा की अध्यक्षता में भगवान महर्षि वाल्मीकि प्रकोटत्सव की पूर्व संध्या पर एक भव्य पुष्पांजलि सभा का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर दिल्ली सरकार के मंत्री रविंद्र इंद्रराज ने भगवान वाल्मीकि को पुष्पांजलि अर्पित की। सभा में राष्ट्रीय महामंत्री संजय निर्मल, कार्यालय प्रभारी प्रकाश तंवर, रुपेश मेहरा सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

मंत्री रविंद्र इंद्रराज ने अपने संबोधन में कहा कि भगवान श्रीराम के जीवन को सभी समझते हैं, लेकिन उनके जीवन को चरितार्थ करने का श्रेय महर्षि वाल्मीकि को जाता है।

उन्होंने कहा, “ऐसा माना जाता है कि रामायण पहले लिखी जा चुकी थी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि महर्षि वाल्मीकि ने भगवान के कार्यों को पहले ही देख लिया था। जीव-जंतुओं में भी भगवान का रूप देखने और समझाने वाले महर्षि वाल्मीकि ही थे।”

उन्होंने दिल्ली सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए बताया कि पहली बार दिल्ली में वाल्मीकि जयंती पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। साथ ही, दिल्ली सरकार ने 100 से अधिक स्थानों पर वाल्मीकि जयंती के आयोजन के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा सरकार सनातन धर्म के प्रति समर्पित है और अब प्रत्येक त्योहार को धूमधाम से मनाया जाएगा।

दिल्ली भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष मोहन लाल गिहरा ने कहा कि दिल्ली सरकार, विशेष रूप से मंत्री रविंद्र इंद्रराज ने भगवान महर्षि वाल्मीकि प्रकोटत्सव के लिए पुष्पांजलि आयोजन हेतु आर्थिक सहयोग प्रदान करने का महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

उन्होंने बताया कि 109 आवेदनों को स्वीकृति दी गई है और इन आयोजनों के लिए आर्थिक सहायता समय पर पहुंचाई जाएगी। दिल्ली के 14 संगठनात्मक जिलों में वाल्मीकि प्रकोटत्सव का आयोजन भव्य रूप से किया जाएगा।

इस दौरान महर्षि वाल्मीकि को न केवल रामायण के रचयिता के रूप में बल्कि समाज में समानता और आध्यात्मिक जागरूकता के प्रतीक के रूप में भी याद किया गया।

Point of View

ताकि विभिन्न समुदायों के बीच आपसी समझ और सहयोग का वातावरण बने।
NationPress
06/10/2025

Frequently Asked Questions

वाल्मीकि जयंती पर सार्वजनिक अवकाश का महत्व क्या है?
वाल्मीकि जयंती पर सार्वजनिक अवकाश से समाज में धार्मिक सहिष्णुता और सांस्कृतिक समरसता को बढ़ावा मिलता है। यह महर्षि वाल्मीकि के योगदान को मान्यता देने का एक तरीका है।
दिल्ली सरकार ने इस आयोजन के लिए क्या कदम उठाए हैं?
दिल्ली सरकार ने 100 से अधिक स्थानों पर वाल्मीकि जयंती के आयोजन के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की है और 109 आवेदनों को स्वीकृति दी गई है।