क्या दिल्ली के प्रदूषण को लेकर <b>अरविंद केजरीवाल</b> का रवैया <b>उदासीन</b> था?
सारांश
Key Takeaways
- अरविंद केजरीवाल ने प्रदूषण पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए।
- दिल्ली भाजपा प्रदूषण मुक्त दिल्ली के लिए काम कर रही है।
- एलजी के पत्र ने केजरीवाल की कार्यशैली को उजागर किया।
नई दिल्ली, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने एलजी द्वारा भेजे गए पत्र का उल्लेख करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
वीरेंद्र सचदेवा ने शुक्रवार को राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा कि एलजी के पत्र से यह स्पष्ट होता है कि किस प्रकार से अरविंद केजरीवाल ने वायु प्रदूषण के मुद्दे पर अपनी उदासीनता दिखाई। पिछले 12 वर्षों तक अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे, लेकिन उन्होंने प्रदूषण के समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए। इसका परिणाम यह है कि दिल्ली के लोग दमघोंटू हवा में जीने को मजबूर हैं। यदि केजरीवाल ने उस समय वायु प्रदूषण पर ठोस कदम उठाए होते, तो आज की स्थिति भिन्न होती।
उन्होंने कहा कि एलजी ने अरविंद केजरीवाल से वायु प्रदूषण की समस्या का समाधान करने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की थी। इसके बावजूद केजरीवाल का कहना था कि इसे कुछ समय तक छोड़ दिया जाए, क्योंकि समाज सेवा करने वाले लोग इसे अदालत में उठाएंगे, लेकिन बाद में सबकुछ भूल जाएंगे। इस से यह स्पष्ट होता है कि केजरीवाल प्रदूषण के मामले को लेकर कितने गंभीर थे। उनकी लापरवाही के कारण आज दिल्ली के लोग इस गंभीर स्थिति का सामना कर रहे हैं।
वीरेंद्र सचदेवा ने यह भी कहा कि वर्तमान में दिल्ली की भाजपा शासित सरकार राष्ट्रीय राजधानी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। ऐसे कई कदम उठाए जा रहे हैं, जिससे लोगों को एक स्वच्छ वातावरण मिल सके। लेकिन, एलजी के पत्र से केजरीवाल की कार्यशैली उजागर हुई है, जो आम आदमी पार्टी पर गंभीर सवाल उठाती है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार पूरी तरह से दिल्ली को प्रदूषण मुक्त करने के लिए प्रयासरत है और किसी भी प्रकार की लापरवाही को स्वीकार नहीं किया जाएगा। हम पूर्व सरकार के पापों का बोझ ढो रहे हैं।