क्या दिल्ली मेट्रो स्टेशनों पर सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीनें खराब हैं?

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली हाई कोर्ट ने डीएमआरसी को नोटिस जारी किया है।
- मेट्रो स्टेशनों पर सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीनों की स्थिति पर सवाल उठाए गए हैं।
- महिलाओं की स्वच्छता और स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
नई दिल्ली, 13 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली हाई कोर्ट ने राजधानी के मेट्रो स्टेशनों पर सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीनों की खराब स्थिति और उनकी कमी के आरोपों के संबंध में एक जनहित याचिका पर सुनवाई की है। इस मामले में दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) को नोटिस जारी किया गया है।
हाई कोर्ट ने दिल्ली मेट्रो पर सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीनों की अनुपलब्धता और उनके कार्य न करने के मुद्दे पर डीएमआरसी से जवाब मांगा है।
अदालत ने डीएमआरसी को निर्देश दिया है कि वे मेट्रो स्टेशनों पर स्थापित सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीनों और डिस्पोजल इकाइयों की स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान करें, कि कितनी मशीनें कार्यशील हैं।
दिल्ली हाई कोर्ट ने डीएमआरसी को एक सर्वेक्षण कराने और अदालत में अपनी रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है।
अदालत ने यह भी पूछा कि मेट्रो स्टेशनों पर शौचालयों की देखभाल कौन करता है?
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि दिल्ली मेट्रो स्टेशनों के महिला शौचालयों में सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीनें नहीं हैं, जिससे यात्रियों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
दिल्ली हाई कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 24 सितंबर को होगी।
याचिकाकर्ता ने अदालत में याचिका दायर कर मेट्रो स्टेशनों के महिला शौचालयों में सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीनों और उचित निस्तारण सुविधाओं की तात्कालिक स्थापना की मांग की है।
उन्होंने अपनी याचिका में बताया कि दिल्ली मेट्रो से प्रतिदिन लाखों महिलाएं सफर करती हैं और मासिक धर्म स्वच्छता सुविधाओं की कमी से उनके स्वास्थ्य और गरिमा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।