क्या दिल्ली में नशा तस्कर की गिरफ्तारी पर परिजन भड़के और पुलिस पर हमला हुआ?
सारांश
Key Takeaways
- नशे की समस्या एक गंभीर सामाजिक मुद्दा है।
- पुलिस कार्रवाई के दौरान सुरक्षा का ध्यान रखना आवश्यक है।
- परिजनों का विरोध कानून व्यवस्था को चुनौती दे सकता है।
- सोशल मीडिया पर वीडियो का वायरल होना घटनाओं के प्रति जागरूकता बढ़ा सकता है।
- मानवाधिकारों का सम्मान और कानून का पालन दोनों आवश्यक हैं।
नई दिल्ली, 5 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र के थाना आदर्श नगर में बुधवार को पुलिस को एक बड़ी कार्रवाई के दौरान हंगामे का सामना करना पड़ा। लाल बाग बीट के पुलिसकर्मियों को गश्त के दौरान सूचना मिली कि मोहम्मद तारीफ (32), जो पहले हत्या और मारपीट जैसे गंभीर मामलों में शामिल रहा है, वह इलाके में नशे के पदार्थ बेचने की योजना बना रहा है।
सूचना मिलते ही बीट स्टाफ ने मौके पर पहुंचकर संदिग्ध व्यक्ति को रोका। पुलिस की ओर से जारी प्रेस नोट के अनुसार, टीम ने जब उससे पूछताछ करनी चाही, तो उसने पुलिसकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार किया और अपने परिजनों व रिश्तेदारों को बुलाकर पुलिस टीम पर दबाव बनाने की कोशिश की। हालात बिगड़ता देख पुलिस ने उसे हिरासत में लिया, तो उसके परिजनों ने मौके पर विरोध करते हुए पुलिस की कार्रवाई में बाधा डालने का प्रयास किया।
इस घटना से जुड़ा एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। पुलिस ने बताया कि सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहा है, वह उसी समय का है जब आरोपी को हिरासत में लिया जा रहा था और उसके परिजन उसे छुड़ाने की कोशिश कर रहे थे।
आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 126/170 बीएनएसएस (जो पूर्व में धारा 107/151 सीआरपीसी के समकक्ष है) के तहत कार्रवाई की गई है।
वहीं, सोशल मीडिया पर लगाए जा रहे आरोपों के तहत कि पुलिस ने किसी महिला के साथ मारपीट की, इस मामले में एसीपी जहांगीरपुरी की निगरानी में जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद तथ्यों के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।