क्या दिल्ली की हवा फिर से जहरीली हो गई है? एनसीआर में ग्रैप-1 लागू

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क्या दिल्ली की हवा फिर से जहरीली हो गई है? एनसीआर में ग्रैप-1 लागू

सारांश

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की स्थिति बहुत चिंताजनक हो गई है। चार महीने बाद फिर से हवा जहरीली हो गई है, जिससे लोगों की सेहत पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। जानिए ग्रैप-1 के तहत उठाए गए कदमों और विशेषज्ञों की सलाह के बारे में।

Key Takeaways

  • दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर अब 'खतरनाक' श्रेणी में है।
  • ग्रैप-1 के तहत धूल नियंत्रण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
  • निर्माण स्थलों पर एंटी-स्मॉग गन का उपयोग अनिवार्य है।
  • विशेषज्ञों की सलाह है कि बाहर निकलने से बचें।
  • दीपावली के समय प्रदूषण और बढ़ सकता है।

नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर से हवा जहरीली हो गई है। लगभग चार महीने के बाद, दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर खतरनाक श्रेणी में पहुँच गया है। बुधवार की सुबह, दिल्ली और एनसीआर के कई क्षेत्रों में धुंध की मोटी चादर छाई रही।

प्रदूषण की बढ़ती स्थिति को ध्यान में रखते हुए, मंगलवार को ही ग्रैप-1 (ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान का पहला चरण) लागू कर दिया गया था। इसके अंतर्गत प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई कड़े कदम उठाए गए हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, बुधवार सुबह 7:30 बजे तक दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 206 दर्ज किया गया, जो कि 'खराब' श्रेणी में आता है। एनसीआर के अन्य शहरों में भी स्थिति चिंताजनक है। फरीदाबाद में एक्यूआई 189, गुरुग्राम में 156, गाजियाबाद में 145, ग्रेटर नोएडा में 123 और नोएडा में 136 दर्ज किया गया।

दिल्ली के अधिकतर क्षेत्रों में एक्यूआई स्तर 200 से ऊपर और 300 के बीच बना हुआ है। कुछ क्षेत्रों में यह 100 से ऊपर और 200 के बीच है, जो कि 'मध्यम से खराब' श्रेणी में आता है।

ग्रैप-1 के तहत सबसे अधिक ध्यान धूल नियंत्रण पर दिया जा रहा है। दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद में सभी निर्माण और ध्वस्तीकरण स्थलों पर एंटी-स्मॉग गन का उपयोग अनिवार्य कर दिया गया है।

500 वर्ग मीटर से बड़े प्रत्येक निर्माण प्रोजेक्ट को अब स्वीकृत डस्ट मैनेजमेंट प्लान के अनुसार कार्य करना होगा। इसके अलावा, खुले में निर्माण सामग्री रखने या मिट्टी की ढुलाई जैसी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी ताकि धूल उड़ने से रोका जा सके।

कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (सीएक्यूएम) ने चेतावनी दी है कि जिन वाहनों या निर्माण साइटों से अधिक प्रदूषण फैलता पाया गया, उन पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा या उन्हें सील भी किया जा सकता है।

अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली सरकार और स्थानीय प्रशासन की टीमें लगातार निरीक्षण कर रही हैं ताकि नियमों का सख्ती से पालन हो सके।

विशेषज्ञों ने लोगों से अपील की है कि सुबह और शाम के समय बाहर निकलने से बचें, विशेषकर बुजुर्ग, बच्चे और सांस से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित लोग। साथ ही घर से निकलते समय मास्क पहनने की सलाह दी गई है। दीपावली के समय ये वायु प्रदूषण और भी अधिक बढ़ने की संभावना है।

Point of View

और यह केवल एक स्थानीय मुद्दा नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डालता है। ऐसे में, हमें सभी नागरिकों को सुरक्षित और स्वस्थ रखने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
NationPress
15/10/2025

Frequently Asked Questions

दिल्ली में प्रदूषण का स्तर इतना क्यों बढ़ गया है?
दिल्ली में प्रदूषण का स्तर कई कारणों से बढ़ गया है, जैसे वाहन धुएं, निर्माण कार्य, और धूल।
ग्रैप-1 क्या है?
ग्रैप-1 एक योजना है जो प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न उपायों का समावेश करती है।
क्या मुझे घर से बाहर निकलने पर मास्क पहनना चाहिए?
जी हां, विशेषकर जब प्रदूषण का स्तर उच्च हो, तो मास्क पहनना जरूरी है।