क्या नोएडा देश का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है?

सारांश
Key Takeaways
- नोएडा देश का सबसे प्रदूषित शहर बना है।
- वायु गुणवत्ता सूचकांक 282 तक पहुँच गया है।
- विशेषज्ञों ने बच्चों और बुजुर्गों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।
- धूल और वाहनों का धुआं प्रमुख कारण हैं।
- मौसम में धुंध की स्थिति प्रदूषण को बढ़ा सकती है।
नोएडा, 15 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता लगातार खराब होती जा रही है। हाल ही में प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, नोएडा वर्तमान में देश का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 282 तक पहुँच गया है। इसके अलावा, गाजियाबाद 260 एक्यूआई के साथ दूसरे, गुरुग्राम तीसरे और दिल्ली चौथे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 208 रिकॉर्ड किया गया है।
ग्रेटर नोएडा में भी वायु गुणवत्ता 246 तक पहुँच गई है, जो खतरनाक स्तर के बेहद करीब है।
विशेषज्ञों के अनुसार, 200 से ऊपर का एक्यूआई 'बहुत खराब श्रेणी' में आता है, जबकि 300 के ऊपर पहुँचने पर स्थिति 'गंभीर या रेड जोन' में मानी जाती है। इस प्रकार, दिल्ली-एनसीआर की हवा गंभीर खतरे के निशान के बेहद करीब पहुँच चुकी है। दूसरी ओर, धूल, वाहनों का धुआं, निर्माण कार्य, कूड़ा जलाना और पराली का धुआं प्रदूषण बढ़ाने के प्रमुख कारण बताए जा रहे हैं। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आने वाले कुछ दिनों में 'मिस्ट' और 'फॉग' (धुंध व कोहरा) की स्थिति बनेगी।
इससे प्रदूषक कण नीचे की सतह पर ही फंसे रहेंगे और हवा साफ होने की संभावना कम रहेगी। 15 से 20 अक्टूबर के बीच के मौसम पूर्वानुमान में अधिकतम तापमान 32 से 33 डिग्री और न्यूनतम तापमान 17 से 20 डिग्री के बीच रहेगा। सुबह और शाम के समय हल्की ठंड के साथ धुंध छाई रहेगी। इस स्थिति में वायु गुणवत्ता के और खराब होने की आशंका जताई जा रही है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बच्चों, बुजुर्गों और सांस व हृदय रोग से पीड़ित मरीजों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है। बिना आवश्यक काम के बाहर निकलने से बचने, मास्क का प्रयोग करने, घरों में एयर प्यूरिफायर या पौधे लगाने जैसी सलाह दी जा रही है।