क्या दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध में हीलाहवाली पर सुप्रीम कोर्ट सख्त है?

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क्या दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध में हीलाहवाली पर सुप्रीम कोर्ट सख्त है?

सारांश

दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध के आदेश को लागू न करने पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को ठोस नीति तैयार करने का निर्देश दिया है। क्या यह प्रतिबंध वाकई प्रभावी होगा? जानिए इस महत्वपूर्ण मामले के बारे में।

Key Takeaways

  • सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध को लागू करने का निर्देश दिया।
  • केंद्र सरकार को ठोस नीति बनाने का आदेश दिया गया है।
  • ग्रीन पटाखों का निर्माण सशर्त अनुमति प्राप्त हुआ है।
  • अगली सुनवाई ८ अक्टूबर को होगी।
  • प्रदूषण पर नियंत्रण की नीतियां पैन-इंडिया स्तर पर लागू होनी चाहिए।

नई दिल्ली, २६ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध के अपने आदेश को सकारात्मक ढंग से लागू न करने पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि सभी हितधारकों के साथ मिलकर प्रतिबंध लागू करने की एक ठोस नीति तैयार की जाए।

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई की अगुवाई वाली बेंच ने सुनवाई के दौरान बिहार के खनन प्रतिबंध का उदाहरण देते हुए चेतावनी दी। बेंच ने कहा, "बिहार में खनन पर प्रतिबंध लगाया गया था, लेकिन इससे अवैध खनन माफिया पैदा हो गए। इसलिए एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाना जरूरी है।"

सर्वोच्च अदालत ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि सभी हितधारकों जैसे पटाखा निर्माताओं, राज्य सरकारों और पर्यावरण विशेषज्ञों के साथ मिलकर प्रतिबंध लागू करने की एक ठोस नीति तैयार की जाए।

इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों (पर्यावरण-अनुकूल पटाखों) के निर्माण को सशर्त अनुमति दे दी है। बेंच ने शर्त लगाई कि ये पटाखे दिल्ली-एनसीआर में कहीं भी बेचे या इस्तेमाल नहीं किए जाएंगे।

दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों की बिक्री को लेकर सुप्रीम कोर्ट अगली सुनवाई में अंतिम फैसला लेगा। मामले में अगली सुनवाई ८ अक्टूबर को होगी।

इससे पहले, १२ सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण को लेकर कड़ी टिप्पणी की थी। सीजेआई बीआर गवई ने कहा था कि अगर दिल्ली-एनसीआर के लोगों को स्वच्छ हवा का अधिकार है, तो दूसरे शहरों के निवासियों को क्यों नहीं?

उन्होंने जोर देकर कहा था कि प्रदूषण नियंत्रण की नीतियां सिर्फ राजधानी तक सीमित नहीं रह सकतीं, बल्कि पैन-इंडिया स्तर पर लागू होनी चाहिए।

सीजेआई ने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए बताया था, "मैं पिछले साल सर्दियों में अमृतसर गया था। वहां प्रदूषण की स्थिति दिल्ली से भी बदतर थी। अगर पटाखों पर प्रतिबंध लगाना है तो पूरे देश में लगना चाहिए।"

Point of View

इसे एक व्यापक दृष्टिकोण से देखना चाहिए। हमारे देश में स्वच्छ हवा का अधिकार हर नागरिक का है।
NationPress
26/09/2025

Frequently Asked Questions

सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों पर प्रतिबंध क्यों लगाया?
सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए पटाखों पर प्रतिबंध लगाया है।
ग्रीन पटाखों की अनुमति क्यों दी गई?
सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन पटाखों को सशर्त अनुमति दी है, ताकि पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचे।
अगली सुनवाई कब होगी?
अगली सुनवाई ८ अक्टूबर को होगी।