क्या दीपावली से पहले पांच लाख छात्रों को मिलेगा छात्रवृत्ति का लाभ? : सीएम योगी

सारांश
Key Takeaways
- छात्रवृत्ति का वितरण दीपावली से पहले किया जाएगा।
- लगभग पांच लाख छात्रों को लाभ मिलेगा।
- जवाबदेही तय की जाएगी ताकि भविष्य में त्रुटियाँ न हों।
- सरकार ने शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया है।
- कंप्यूटर प्रशिक्षण और छात्रावासों की व्यवस्था की गई है।
लखनऊ, 26 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को आईजीपी में आयोजित छात्रवृत्ति वितरण समारोह में कहा कि अनुसूचित जाति-जनजाति के लगभग पांच लाख छात्रों को संस्थान द्वारा डाटा अपलोड न करने के कारण छात्रवृत्ति प्राप्त नहीं हो पाई, क्योंकि डाटा लॉक हो गया था। ऐसे छात्रों को दीपावली से पहले छात्रवृत्ति देने के लिए पैसा तैयार कर लिया गया है।
सीएम योगी ने कहा कि वंचित सभी छात्रों को दीपावली से पहले उनके खाते में छात्रवृत्ति भेज दी जाएगी। जिनकी वजह से छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिल पाई है, उनकी भी जवाबदेही तय की जाएगी ताकि आने वाले समय में ऐसी त्रुटि न हो। किसी भी देश और प्रदेश की आर्थिक प्रगति का पैमाना शिक्षा से शुरू होता है। ऐसे में छात्रों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराना हमारी जिम्मेदारी है। वर्ष 2017 से पहले छात्रवृत्ति वितरित की जाती थी, लेकिन छात्र के खाते में पहुंचती नहीं थी। इसमें मनमानी होती थी। जो छात्रवृत्ति छात्रों को सितंबर-अक्टूबर में प्राप्त होनी चाहिए थी, वह छात्रवृत्ति मार्च-अप्रैल तक पहुंचती थी। इसमें भी भेदभाव होता था। वर्ष 2016 में अनुसूचित-जनजाति के छात्रों की छात्रवृत्ति ही नहीं दी गई।
उन्होंने कहा कि जब वर्ष 2017 में हमारी सरकार आई, तो हमने वर्ष 2016-17 और 2017-18 की छात्रवृत्ति प्रदेश के एक-एक बच्चे को दी गई। समाज कल्याण विभाग द्वारा 9 से 12वीं के अनुसूचित जाति-जनजाति और सामान्य जाति के 4 लाख छात्रों को छात्रवृत्ति उपलब्ध कराई जा रही है। इसमें पहले चरण में 1 लाख 12 हजार छात्र छात्रवृत्ति प्राप्त कर रहे हैं। पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के ढाई लाख से अधिक छात्र-छात्राएं और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के 25,000 छात्र-छात्राएं सुविधा का लाभ प्राप्त कर रहे हैं।
सीएम ने कहा कि वर्ष 2017-18 से वित्तीय वर्ष 2024-25 तक अनुसूचित जाति-जनजाति के 1 करोड़ 23 लाख छात्रों को 9,150 करोड़ रुपए की धनराशि वितरित की गई है। यह पैसा डीबीटी के माध्यम से उनके अकाउंट में भेजा गया। वर्ष 2017-18 से 2024-25 में सामान्य वर्ग के 58 लाख 90 हजार छात्र-छात्राओं को 5,945 करोड़ रुपए उनके अकाउंट में भेजे गए। हमारे देश ने ही शिक्षा के अधिकार को मौलिक अधिकार बनाया। आरटीई के तहत हर छात्र स्कूली शिक्षा प्राप्त कर सके, इसे अनिवार्य किया गया है। हर छात्र को स्नातक तक शिक्षा फ्री में प्राप्त हो सके, इसके लिए अनेक स्कीम तैयार की गई और राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाई गई है। हर छात्र को छात्रवृत्ति प्राप्त हो सके, इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी ने 'वन नेशन वन स्कॉलरशिप' की व्यवस्था लागू की है। इसी को ध्यान में रखते हुए अकेले केवल वर्ष 2025-26 में वंचित वर्ग को 2,825 करोड़ की छात्रवृत्ति वितरित की गई है। वर्ष 2017 से 2025 तक 2 करोड़ से अधिक छात्र-छात्राएं छात्रवृत्ति का लाभ प्राप्त कर चुके हैं। 2 करोड़ 7 लाख 53,457 छात्र-छात्राओं को पिछड़े वर्ग की 13,535 करोड़ से अधिक की राशि 2017-18 से 2024-25 के बीच में वितरित हुई है। यानी सरकार इस मामले में लगातार पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है और उस कार्यक्रम के साथ हर छात्र-छात्रा को जोड़ने का कार्य कर रही है।
उन्होंने बताया कि सरकार ने 2016-17 में पिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए कंप्यूटर प्रशिक्षण की व्यवस्था के संचालन के लिए राशि 11 करोड़ से बढ़ाकर 35 करोड़ की। इसी के साथ छात्रावासों के अनुदान के लिए भी धनराशि की व्यवस्था की गई है। पहले कस्तूरबा गांधी विद्यालय आठवीं तक चलते थे, अब 12वीं तक संचालित हो रहे हैं। एक ही कैंपस में गरीब घर के अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़े वर्ग की बेटियों की पढ़ाई की व्यवस्था की जा रही है। छात्रावास में रहने-खाने की व्यवस्था दी जा रही है, छात्रवृत्ति दी जा रही है, यूनिफॉर्म दिए जा रहे हैं। बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में 1 करोड़ 60 लाख बच्चों के लिए दो यूनिफॉर्म, जूता, मोजा, फ्री स्वेटर की भी व्यवस्था की जा रही है, जिससे वे बच्चे पढ़-लिख जाएं।