क्या दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण ने गंभीर संकट उत्पन्न कर दिया है?

Click to start listening
क्या दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण ने गंभीर संकट उत्पन्न कर दिया है?

सारांश

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर चिंताजनक है। पिछले २४ दिनों में एक्यूआई ४०० से ऊपर पहुँच गया है। इससे लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। क्या सरकार इस स्थिति को ठीक करने के लिए कुछ करेगी?

Key Takeaways

  • दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर ४०० से ऊपर पहुँच गया है।
  • स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है।
  • मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियाँ प्रदूषण का मुख्य कारण हैं।
  • नागरिकों को मास्क पहनने की सलाह दी जा रही है।
  • सरकार को तत्काल उपाय करने की आवश्यकता है।

नोएडा, २५ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली सहित संपूर्ण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु प्रदूषण एक बार फिर से गंभीर स्थिति में पहुँच गया है। पिछले २४ दिनों से निरंतर जारी इस प्रदूषण ने लोगों का जीवन कठिन बना दिया है। दिल्ली के कई क्षेत्रों के साथ-साथ नोएडा और गाजियाबाद में भी वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ४०० के पार पहुँच गया है, जो इसे 'गंभीर' श्रेणी में रखता है।

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी), केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के आंकड़े बेहद चिंताजनक हैं। आनंद विहार में एक्यूआई ४०० दर्ज किया गया, जबकि अशोक विहार ३८५, बवाना ३८९, दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी ३९६ और वजीरपुर जैसे क्षेत्रों में भी इसी तरह के खतरनाक स्तर देखे गए हैं।

पूसा, आर के पुरम, शादीपुर, सिरीफोर्ट, सोनिया विहार, श्री अरबिंदो मार्ग और विवेक विहार जैसे क्षेत्र भी गंभीर प्रदूषण का सामना कर रहे हैं। नोएडा की स्थिति भी चिंताजनक है। सेक्टर-125 और सेक्टर-116 में क्रमशः ४१८ और ४१३ का एक्यूआई दर्ज किया गया है, जो 'गंभीर' श्रेणी में आता है। ग्रेटर नोएडा का नॉलेज पार्क-V ४२१ के एक्यूआई के साथ सबसे खराब स्थिति में है, जबकि नॉलेज पार्क-III ३३९ पर है।

स्वास्थ्य पर प्रभाव के मामले में बताया गया है कि वायु गुणवत्ता अत्यंत खराब है और लंबे समय तक इसके संपर्क में रहने से सांस संबंधी बीमारियाँ हो सकती हैं। गाजियाबाद के प्रमुख क्षेत्र इंदिरापुरम, लोनी, संजय नगर और वसुंधरा भी इस गंभीर प्रदूषण से प्रभावित हैं। यहाँ भी एक्यूआई का स्तर चिंताजनक बना हुआ है।

गाजियाबाद के इंदिरापुरम इलाके में सबसे ज्यादा एक्यूआई ४०७ दर्ज किया गया है। इस गंभीर प्रदूषण का सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। अस्पतालों में सांस संबंधी समस्याओं, अस्थमा, एलर्जी और फेफड़ों की बीमारियों के मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। डॉक्टर्स

इस निरंतर संकट के पीछे एक बड़ा कारण मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियाँ भी हैं। हवा की गति कम होने और तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण प्रदूषक तत्व हवा में जमा होते जा रहे हैं।

मौसम विभाग के अनुसार, अगले एक सप्ताह तक मौसम में कोई महत्वपूर्ण बदलाव देखने को नहीं मिलेगा, जिससे स्थिति के जल्द सामान्य होने की उम्मीद कम है। इस गंभीर स्थिति में नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे अत्यंत आवश्यक होने पर ही घरों से बाहर निकलें, मास्कएयर प्यूरीफायर

Point of View

और इससे निपटने के लिए सरकार को तुरंत कदम उठाने की आवश्यकता है। यह मुद्दा न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान देने योग्य है।
NationPress
25/11/2025

Frequently Asked Questions

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर क्यों बढ़ रहा है?
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों, कम हवा की गति और तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण बढ़ रहा है।
क्या प्रदूषण से स्वास्थ्य पर असर पड़ता है?
हां, प्रदूषण से सांस संबंधी बीमारियाँ, अस्थमा और एलर्जी जैसी समस्याएँ हो सकती हैं।
क्या हमें मास्क पहनना चाहिए?
हाँ, बाहर निकलते समय मास्क का उपयोग करना अनिवार्य है।
सरकार क्या उपाय कर रही है?
सरकार और संबंधित एजेंसियाँ प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए आपातकालीन उपायों को लागू करने की योजना बना रही हैं।
क्या प्रदूषण के कारण अस्पतालों में मरीज बढ़ रहे हैं?
हाँ, अस्पतालों में सांस संबंधी समस्याओं के मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।
Nation Press