क्या दिल्ली-नोएडा में बाढ़ का कहर बढ़ता जा रहा है? केजरीवाल ने जरूरतमंदों के लिए मदद की अपील की

सारांश
Key Takeaways
- यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है।
- अरविंद केजरीवाल ने 'आप' कार्यकर्ताओं से मदद की अपील की है।
- स्थानीय निवासियों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
- हजारों लोग अपने घर छोड़कर शरण लेने को मजबूर हैं।
- बाढ़ के कारण फसलें भी बर्बाद हो गई हैं।
नई दिल्ली, ४ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। यमुना नदी के जलस्तर में निरंतर वृद्धि के कारण दिल्ली और एनसीआर में कई क्षेत्रों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। इस संदर्भ में, आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बाढ़ की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने 'आप' कार्यकर्ताओं से प्रभावित क्षेत्रों में सहायता पहुंचाने की अपील की है।
अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ने से कई निचले इलाकों में पानी भर गया है। मैं 'आप' के सभी कार्यकर्ताओं से अपील करता हूं कि प्रशासन के साथ मिलकर राहत व बचाव कार्यों में जुट जाएं और हर जरूरतमंद तक मदद पहुंचाएं।"
दिल्ली से सटे नोएडा में भी यमुना नदी के आक्रामक रूप के कारण निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। हजारों लोगों को अपने घर छोड़कर खुले आसमान के नीचे शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
इस बीच, स्थानीय निवासियों ने प्रशासन पर राहत और बचाव कार्यों में लापरवाही का आरोप लगाया है।
स्थानीय निवासी अमित गौतम ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि "जिस तरीके के हालात अब हैं, उस तरह की स्थिति का सामना २०२३ में भी करना पड़ा था। बाढ़ के कारण हमारे गांव की स्थिति खराब होती जा रही है, लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं मिल पाई है। प्रभावित लोगों ने अपने घरों को छोड़ दिया है और अब वे सभी पुश्ता रोड पर रह रहे हैं।"
वहीं, अन्य निवासी ने कहा कि "हमारे गांव के हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं और अब तक प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिल पाई है। इस बाढ़ के कारण हमारी फसलें भी बर्बाद हो गई हैं। अगर यमुना नदी का जलस्तर ऐसे ही बढ़ता रहा तो आने वाले दिनों में स्थिति और भी बिगड़ सकती है।"
स्थानीय निवासी रजनी ने कहा कि "हमारे गांव में बाढ़ का पानी आ गया है, जिस कारण हमें अपने घरों को छोड़कर रोड पर रहना पड़ रहा है। हमें प्रशासन से उम्मीद थी कि उनकी ओर से कोई मदद की जाएगी, लेकिन उन्होंने भी हमसे अब तक संपर्क नहीं किया है।"