क्या दिल्ली प्रदूषण पर विजय वसंत ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव रखा? सरकार ने बीजिंग मॉडल क्यों नहीं अपनाया?

Click to start listening
क्या दिल्ली प्रदूषण पर विजय वसंत ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव रखा? सरकार ने बीजिंग मॉडल क्यों नहीं अपनाया?

सारांश

कन्याकुमारी के सांसद विजय वसंत ने दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण पर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की। क्या दिल्ली ऐसे हालातों में और कुछ नहीं कर सकती?

Key Takeaways

  • दिल्ली का प्रदूषण गंभीर स्थिति में है।
  • विजय वसंत ने स्थगन प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
  • बीजिंग मॉडल को अपनाने की आवश्यकता है।
  • स्वच्छ हवा एक बुनियादी अधिकार है।

नई दिल्ली, 11 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता में लगातार गिरावट को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए कन्याकुमारी के सांसद विजय कुमार उर्फ विजय वसंत ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव के लिए पत्र लिखा। उन्होंने संसद का सभी कार्य रोककर इस मुद्दे पर तुरंत बहस की मांग की।

उन्होंने कहा कि आज दिल्ली ऐसी स्थिति में पहुंच चुकी है कि यहां सांस लेना भी खतरनाक हो गया है, लेकिन सरकार केवल प्रतीकात्मक कदम उठा रही है, जब कि असली समाधान से दूर है।

विजय वसंत ने कहा कि दुनिया के कई अन्य देशों ने गंभीर वायु प्रदूषण से लड़ने के लिए वैज्ञानिक और कठोर कदम उठाए हैं। उन्होंने बीजिंग मॉडल का उदाहरण देते हुए कहा कि चीन की राजधानी कभी दिल्ली से भी बुरा प्रदूषण झेलती थी, लेकिन ठोस योजना और राजनीतिक इच्छाशक्ति के साथ इसे सुधारने में सफल रही।

उन्होंने सवाल किया कि केंद्र सरकार अब तक उन वैश्विक मॉडल्स को क्यों नहीं अपनाने में सफल रही हैं जो प्रभावी साबित हो चुके हैं? एनसीआर के कोयला-आधारित पावर प्लांट्स में अब तक एफजीडी तकनीक और अन्य उत्सर्जन नियंत्रण उपकरण क्यों नहीं लगाए गए? इलेक्ट्रिक बसों और सार्वजनिक परिवहन के विद्युतीकरण की गति इतनी धीमी क्यों है? दिल्ली में धूल नियंत्रण, औद्योगिक प्रदूषण नियंत्रण और स्वच्छ ऊर्जा के लिए स्पष्ट रणनीति क्यों नहीं है?

उन्होंने बताया कि बीजिंग ने बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक बसें शुरू कीं, भारी उद्योगों को पुनर्स्थापित किया और प्रदूषणकारी इकाइयों पर सख्त नियंत्रण लगाया।

विजय वसंत ने कहा कि जब दुनिया ने साबित किया है कि हवा को साफ किया जा सकता है, तो भारत की राजधानी क्यों पीछे है?

उन्होंने आरोप लगाया कि यह एक तकनीकी कमी का मुद्दा नहीं है, बल्कि शासन और इच्छाशक्ति की विफलता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के बच्चे इनहेलर के सहारे बड़े हो रहे हैं, और बाहर काम करने वाले लोग लगातार बीमार पड़ रहे हैं। ऐसे में संसद चुप नहीं बैठ सकती।

उन्होंने मांग की कि सरकार बताए कि वह किन तात्कालिक कदमों को लागू करेगी। एनसीआर के प्रदूषणकारी स्रोतों पर क्या त्वरित कार्रवाई की जाएगी? स्वच्छ परिवहन, औद्योगिक सुधार और उत्सर्जन नियंत्रण के लिए समयसीमा क्या होगी?

अपने स्थगन प्रस्ताव में उन्होंने साफ कहा कि स्वच्छ हवा कोई विलासिता नहीं, बल्कि बुनियादी अधिकार है। जब देश की राजधानी गैस चेंबर बन चुकी हो, तब संसद सामान्य रूप से आगे नहीं बढ़ सकती।

विजय वसंत ने लोकसभा अध्यक्ष से आग्रह किया कि इस गंभीर मुद्दे पर तुरंत चर्चा की अनुमति दी जाए ताकि करोड़ों नागरिकों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए ठोस और त्वरित कदम उठाए जा सकें।

Point of View

NationPress
11/12/2025

Frequently Asked Questions

दिल्ली में प्रदूषण के कारण क्या हैं?
दिल्ली में प्रदूषण के प्रमुख कारणों में वाहनों का अधिक उपयोग, औद्योगिक उत्सर्जन, और धूल के कण शामिल हैं।
बीजिंग मॉडल क्या है?
बीजिंग मॉडल से तात्पर्य है कि चीन ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ठोस नीतियाँ और तकनीकी उपाय अपनाए हैं।
सरकार को क्या कदम उठाने चाहिए?
सरकार को स्वच्छ ऊर्जा, इलेक्ट्रिक परिवहन और औद्योगिक प्रदूषण नियंत्रण के लिए ठोस योजनाएँ बनानी चाहिए।
Nation Press