क्या दिल्ली समेत देश के विभिन्न राज्यों में गोवर्धन पूजा और अन्नकूट महोत्सव धूमधाम से मनाया गया?

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क्या दिल्ली समेत देश के विभिन्न राज्यों में गोवर्धन पूजा और अन्नकूट महोत्सव धूमधाम से मनाया गया?

सारांश

नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दीपावली के बाद, दिल्ली और अन्य राज्यों में गोवर्धन पूजा का आयोजन बड़े धूमधाम से हुआ। भक्तों ने भगवान श्रीकृष्ण को भोग अर्पित किए और गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत का निर्माण कर विधिपूर्वक पूजा की। जानिए इस पर्व की खासियत!

Key Takeaways

  • गोवर्धन पूजा: प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा का प्रतीक।
  • अन्नकूट महोत्सव: देवी अन्नपूर्णा के प्रति आभार।
  • भाई दूज: भाई-बहन के रिश्ते का पर्व।
  • छठ पूजा: सूर्य देव की आराधना।
  • तुलसी विवाह: पारंपरिक विवाह का आयोजन।

नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दीपावली के उपरांत, दिल्ली और उत्तर प्रदेश समेत समस्त देश में बुधवार को गोवर्धन पूजा का आयोजन धूमधाम से किया गया। भक्तों ने भगवान श्रीकृष्ण को 56 प्रकार के भोग अर्पित किए और गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत का निर्माण कर विधिपूर्वक पूजा सम्पन्न की।

इसी क्रम में, दिल्ली के चांदनी चौक से सांसद एवं कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने भी अपने निवास पर गोवर्धन पूजा का आयोजन किया, जिसमें दिल्ली के कई प्रमुख व्यक्तियों ने भाग लिया।

इस अवसर पर कैट वेद एवं ज्योतिष कमेटी के संयोजक तथा उज्जैन के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य आचार्य दुर्गेश तारे एवं अन्य विद्वानों ने गाय के गोबर से भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन पर्वत की प्रतिमाएं बनाकर मंत्रोच्चारण के साथ विधिवत पूजा-अर्चना की।

गोवर्धन पूजा प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण की भावना से जुड़ी होती है। इस वर्ष इसे देशभर में अत्यधिक उत्साह के साथ मनाया गया, जिससे पूजा के सामानों की बिक्री में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई। अन्नकूट उत्सव भी उल्लास के साथ मनाया गया, जो देवी अन्नपूर्णा के प्रति आभार प्रकट करने का पर्व है।

इसके बाद, 23 अक्टूबरभाई दूज की तैयारियों ने बाजारों में फिर से रौनक ला दी है। इस पर्व पर मिठाइयों, ड्राई फ्रूट्स, टीका सामग्री, गिफ्ट बॉक्स, वस्त्र, घड़ियां, मोबाइल एक्सेसरीज और उपहारों की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है।

इस समय, छठ पूजा की तैयारियां भी पूरे देश में आरंभ हो चुकी हैं, जो 27-28 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस अवसर पर फल, गन्ना, नारियल, ठेकुआ, सूप-डाला, साड़ी और पूजा सामग्री की बिक्री भी जोरदार तरीके से शुरू हो गई है।

त्योहारों के इस क्रम में अंतिम त्योहार 2 नवंबर को देशभर में तुलसी विवाह मनाया जाएगा, जिसमें देवी तुलसी और भगवान शालिग्राम का विवाह पारंपरिक विधि से सम्पन्न किया जाएगा। इस अवसर पर तुलसी पौधा, मिट्टी के दीये, पूजा वस्त्र, पुष्प-मालाएं, घी, चावल, नारियल, कलश और पारंपरिक परिधान की मांग में जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है।

इस दौरान, प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि दीपावली पर रिकॉर्ड तोड़ बिक्री के बाद भी देशभर के बाजारों में ग्राहकों की जबरदस्त आवाजाही जारी है। यह दर्शाता है कि भारतीय त्योहारों के प्रति लोगों का उत्साह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन ‘वोकल फॉर लोकल’ के तहत घरेलू उत्पादों में विश्वास लगातार बढ़ रहा है।

उन्होंने बताया कि दीपावली से लेकर अब तक के सभी प्रमुख त्योहारों के दौरान पूजा सामग्री, मिठाइयां, वस्त्र, गिफ्ट आइटम्स, बर्तन और इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं की बिक्री में 25 से 30 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की गई है।

Point of View

यह कहना उचित होगा कि गोवर्धन पूजा और अन्नकूट महोत्सव जैसे धार्मिक आयोजन न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखते हैं, बल्कि वे सामाजिक सामंजस्य को भी बढ़ावा देते हैं। इस वर्ष, बाजारों में बढ़ती बिक्री और उत्साह यह दर्शाता है कि लोग अपने परंपराओं और स्थानीय उत्पादों के प्रति जागरूक हो रहे हैं।
NationPress
22/10/2025

Frequently Asked Questions

गोवर्धन पूजा क्यों मनाई जाती है?
गोवर्धन पूजा का आयोजन भगवान श्रीकृष्ण के प्रति श्रद्धा और प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा के लिए किया जाता है।
अन्नकूट महोत्सव का क्या महत्व है?
अन्नकूट महोत्सव देवी अन्नपूर्णा के प्रति आभार और कृतज्ञता प्रकट करने का पर्व है।
भाई दूज कब मनाई जाती है?
भाई दूज का पर्व हर वर्ष दीपावली के बाद मनाया जाता है।
छठ पूजा कब होती है?
इस वर्ष छठ पूजा 27-28 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
तुलसी विवाह का महत्व क्या है?
तुलसी विवाह का आयोजन देवी तुलसी और भगवान शालिग्राम के विवाह के लिए किया जाता है।