क्या दिल्ली सरकार की खेती का डिजिटल डेटा बनाने की पहल से किसानों को होगा लाभ?
सारांश
Key Takeaways
- डिजिटल पहचान से किसानों को मिलेगी पहचान
- जियो-मैपिंग से कृषि भूमि का सही रिकॉर्ड
- केंद्र सरकार से आर्थिक सहायता निर्धारित लक्ष्यों पर आधारित
- पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
- फसल बीमा और अन्य योजनाओं में गड़बड़ी की संभावना कम
नई दिल्ली, 14 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने यह घोषणा की है कि दिल्ली सरकार ने कृषि और किसानों से संबंधित पूरे ढांचे को डिजिटल बनाने का एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। केंद्र सरकार की सास्की (राज्यों को विशेष सहायता) योजना के तहत, दिल्ली में किसानों की डिजिटल पहचान और कृषि भूमि का जियो-मैप तैयार किया जाएगा।
इसके बदले, केंद्र सरकार दिल्ली को आर्थिक सहायता प्रदान करेगी। यह सहायता किसी अनुदान के रूप में नहीं, बल्कि निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति के आधार पर दी जाएगी। मुख्यमंत्री का कहना है कि इस प्रभावी निर्णय से खेत का वास्तविक रिकॉर्ड तैयार होगा और फसल बीमा, मुआवजा, समर्थन मूल्य और अनुदान जैसी योजनाओं में कोई गड़बड़ी नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह व्यवस्था किसानों को पहचान दिलाएगी और उन्हें अधिकार व पारदर्शिता प्रदान करेगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार की सास्की योजना का उद्देश्य उन राज्यों को प्रोत्साहन देना है जो कृषि को डिजिटल प्रणाली से जोड़ते हैं। इसके तहत दिल्ली में राज्य किसान रजिस्ट्री और डिजिटल फसल सर्वेक्षण लागू किए जाएंगे। जैसे-जैसे दिल्ली सरकार इन दोनों कार्यों को पूरा करेगी, वैसे-वैसे केंद्र सरकार से आर्थिक सहायता जारी होती जाएगी।
मुख्यमंत्री के अनुसार, इस योजना के तहत केंद्र सरकार ने देशभर के राज्यों के लिए कुल 5 हजार करोड़ की विशेष केंद्रीय सहायता घोषित की है। यह राशि उन राज्यों को मिलेगी जो किसानों और खेती की जमीन का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करेंगे। अब दिल्ली को भी इसी राशि में से हिस्सा मिलेगा। दिल्ली सरकार किसानों का डिजिटल रजिस्टर बनाने, पूरी कृषि भूमि का डिजिटल नक्शा तैयार करने और फसल का डिजिटल सर्वे शुरू करने जा रही है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली में पहली बार मैनुअल गिरदावरी की जगह डिजिटल फसल सर्वे होगा। हर खेत की जियो-लोकेशन दर्ज होगी। फसल की तस्वीर ली जाएगी और उसे सैटेलाइट मैप से जोड़ा जाएगा। इससे किसी भी खेत का वास्तविक रिकॉर्ड तैयार होगा और फसल बीमा, मुआवजा, समर्थन मूल्य और अनुदान जैसी योजनाओं में कोई गड़बड़ी नहीं होगी। सभी कृषि जमीन का जियो-रेफरेंसिंग किया जाएगा, जिससे जमीन का नक्शा डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगा। प्रत्येक खेत को 20 मीटर की सटीकता के साथ दर्ज किया जाएगा। इससे नकली दावे, गलत एरिया दिखाना और फर्जी दस्तावेज जैसी समस्याएं समाप्त होंगी।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के अनुसार, सास्की योजना की शर्तों के अनुसार दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन करने की अनुमति दे दी है। इसके बाद दिल्ली को चरणबद्ध तरीके से प्रोत्साहन राशि मिलेगी। योजना में प्रावधान है कि प्रदर्शन जितना बेहतर होगा, सहायता उतनी जल्दी मिलेगी। दिल्ली सरकार ने इस परियोजना की जिम्मेदारी राजस्व विभाग को दी है, क्योंकि वही भूमि रिकॉर्ड का मूल संरक्षक है। इसके साथ ही एक विशेष प्रोजेक्ट निगरानी इकाई बनाई जाएगी ताकि समय पर काम पूरा हो और केंद्र सरकार से सहायता मिलने में कोई देरी न हो।
सीएम रेखा गुप्ता का मानना है कि यह योजना सिर्फ तकनीक तक सीमित नहीं है, बल्कि यह किसानों को पहचान, अधिकार और पारदर्शिता देने की व्यवस्था है। सास्की योजना के माध्यम से दिल्ली को न केवल पैसा मिलेगा, बल्कि एक ऐसा डिजिटल सिस्टम बनेगा, जिससे किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे और बिना परेशानी के मिल सकेगा। दिल्ली सरकार का स्पष्ट कहना है कि वह बहुत तेजी से कृषि जमीन का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करेगी, ताकि उसे जल्दी केंद्र सरकार से धनराशि मिले। इस राशि का उपयोग राजधानी को बेहतर दिल्ली बनाने के लिए किया जाएगा।