क्या दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के बलिदान को याद किया?
सारांश
Key Takeaways
- श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी का बलिदान धार्मिक स्वतंत्रता का प्रतीक है।
- दिल्ली सरकार ने समागम की बेहतरीन व्यवस्थाएं की हैं।
- राष्ट्रपति का आगमन कृतज्ञता का प्रतीक है।
नई दिल्ली, २५ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली सरकार ने लाल किले पर श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित तीन दिवसीय दिव्य समागम का अंतिम दिन मनाया। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु भी उपस्थित रहीं।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का आगमन गुरु साहिब के प्रति राष्ट्र की सामूहिक कृतज्ञता और श्रद्धा का प्रतीक है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरु साहिब के चरणों में नमन करते हुए संकीर्तन में भाग लिया और सत्य, त्याग और धार्मिक स्वतंत्रता के अमर संदेश को पुनः प्रणाम किया। उन्होंने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी का सर्वोच्च बलिदान हमें याद दिलाता है कि धार्मिक स्वतंत्रता, मानव गरिमा और सत्य के प्रति अडिग निष्ठा भारत की मूल चेतना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लाल किले की ऐतिहासिक प्राचीर आज श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की अमर शहादत से आलोकित है। देश के विभिन्न क्षेत्रों से श्रद्धालु यहाँ आकर आस्था, सेवा और राष्ट्रभक्ति का अद्भुत अनुभव कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने सभी के लिए उत्कृष्ट व्यवस्थाएं की हैं। यहाँ लाइट एंड साउंड शो के माध्यम से गुरु साहिब के जीवन प्रसंगों का अद्भुत प्रदर्शन किया जा रहा है।
इससे पहले मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी दिवस के अवसर पर पवित्र ध्वज यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
यह यात्रा गुरुद्वारा श्री सीसगंज साहिब से शुरू होकर गुरुद्वारा श्री आनंदपुर साहिब तक जाएगी। यह आयोजन गुरु जी की शिक्षाओं और धर्म एवं मानवता की रक्षा के लिए उनके बलिदान को याद करने का अनुपम अवसर है।
गुरु साहिब का आशीर्वाद हम सभी पर बना रहे और हमारे जीवन में सद्भाव, सुख और शांति बनी रहे।