क्या उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली में सिनेमा हॉल के लाइसेंस की जिम्मेदारी राजस्व विभाग को सौंपी?

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क्या उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली में सिनेमा हॉल के लाइसेंस की जिम्मेदारी राजस्व विभाग को सौंपी?

सारांश

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सिनेमा हॉल और थिएटरों के लाइसेंस के लिए नई प्रक्रिया की घोषणा की है। अब ये लाइसेंस दिल्ली पुलिस के बजाय राजस्व विभाग द्वारा दिए जाएंगे। यह कदम व्यापार को बढ़ावा देने और पारदर्शिता लाने के लिए महत्वपूर्ण है। जानें इस नए आदेश के प्रभाव और प्रक्रिया के बारे में।

Key Takeaways

  • सिनेमा हॉल के लाइसेंस अब दिल्ली पुलिस से हटकर राजस्व विभाग द्वारा दिए जाएंगे।
  • यह कदम ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को प्रोत्साहित करेगा।
  • लाइसेंस प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा।
  • अनावश्यक जटिलताओं और लालफीताशाही को समाप्त किया जाएगा।
  • इससे व्यापारिक वातावरण में सुधार होगा।

नई दिल्ली, 26 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में व्यापार को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस आदेश के अनुसार, अब सिनेमा हॉल और थिएटरों के लिए लाइसेंस देने की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस से हटाकर दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग को सौंपी गई है। यह निर्णय 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' को बढ़ावा देने और लाइसेंस प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए लिया गया है।

उपराज्यपाल के इस निर्णय के अनुसार, सिनेमा हॉल के लाइसेंस की जिम्मेदारी जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) या जिला उपायुक्त (डीसी) की अध्यक्षता में गठित समिति को दी जाएगी। यह समिति सिनेमैटोग्राफ अधिनियम, 1952 के अंतर्गत आवश्यक अनुशंसाएं तैयार करेगी। समिति में संबंधित नगर निगम जोन के उपायुक्त, लोक निर्माण विभाग द्वारा नामित संरचनात्मक इंजीनियर, दिल्ली अग्निशमन सेवा द्वारा नामित अग्निसुरक्षा विशेषज्ञ, बिजली विभाग द्वारा नामित विद्युत विशेषज्ञ और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रतिनिधि शामिल होंगे।

इससे पूर्व, उपराज्यपाल ने सात प्रकार के व्यवसायों - स्विमिंग पूल, रेस्टोरेंट, होटल, गेस्ट हाउस, डिस्कोथेक, वीडियो गेम पार्लर, मनोरंजन पार्क और ऑडिटोरियम के लाइसेंस जारी करने की शक्तियां भी दिल्ली पुलिस से हटाकर अन्य विभागों को सौंपी थीं। उपराज्यपाल का मानना है कि दिल्ली में व्यापारिक माहौल को प्रोत्साहित करने के लिए लाइसेंसिंग प्रक्रिया से अनावश्यक जटिलताओं और लालफीताशाही को हटाना अत्यंत आवश्यक है।

आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि भारत सरकार 'मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस' की अवधारणा को साकार करने के लिए लाइसेंसिंग प्रक्रियाओं को सरल बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। इसी क्रम में दिल्ली पुलिस द्वारा सिनेमैटोग्राफ अधिनियम, 1952 और दिल्ली पुलिस अधिनियम, 1978 की धारा 146 के तहत जो लाइसेंस अब तक जारी किए जा रहे थे, वे 9 जनवरी 2015 को जारी अधिसूचना के विरुद्ध हैं। उस अधिसूचना में यह अधिकार राजस्व विभाग को सौंप दिया गया था।

आदेश में यह भी उल्लेख किया गया है कि वर्तमान में एक ही कानून के अंतर्गत अनेक प्राधिकरणों द्वारा समान शक्तियों का उपयोग किया जाना 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' के उद्देश्य में बाधा उत्पन्न कर रहा है और इससे अनुपालन बोझ बढ़ रहा है। साथ ही, विभिन्न अदालतों ने भी अपने निर्णयों में इस बात का उल्लेख किया है कि पुलिस द्वारा जारी की जा रही लाइसेंस प्रणाली को समाप्त किया जाना चाहिए।

कैबिनेट सचिवालय, भारत सरकार द्वारा इस मुद्दे की लगातार निगरानी की जा रही है और दिल्ली में व्यवसायिक नियमों को सरल बनाने की सिफारिशें की जा रही हैं। इसलिए उपराज्यपाल ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि दिल्ली पुलिस के आयुक्त संबंधित अधिकारियों को निर्देश दें कि वे सिनेमैटोग्राफ अधिनियम, 1952 के अंतर्गत किसी प्रकार की लाइसेंस प्रक्रिया से खुद को अलग रखें। साथ ही यह निर्देश दिल्ली पुलिस और राजस्व विभाग द्वारा व्यापक रूप से प्रचारित किए जाएंगे।

Point of View

ताकि उद्यमियों को आसानी हो। यह कदम निश्चित रूप से व्यापार बढ़ाने और आत्मनिर्भरता की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।
NationPress
03/08/2025

Frequently Asked Questions

दिल्ली में सिनेमा हॉल के लाइसेंस किसके द्वारा जारी किए जाएंगे?
अब सिनेमा हॉल के लाइसेंस दिल्ली पुलिस के बजाय राजस्व विभाग द्वारा जारी किए जाएंगे।
इस निर्णय का उद्देश्य क्या है?
इस निर्णय का उद्देश्य 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' को बढ़ावा देना और लाइसेंस प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना है।
सिनेमा हॉल का लाइसेंस किसकी अध्यक्षता में जारी होगा?
सिनेमा हॉल का लाइसेंस जिला मजिस्ट्रेट या जिला उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा जारी होगा।