दिल्ली: क्या सरकारी सहयोग से कारीगरों में उत्साह बढ़ा है, ट्रेड फेयर में गुजरात के उत्पादों की मांग?
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली ट्रेड फेयर 2025 में कारीगरों को मिला बड़ा सहयोग।
- गुजरात पवेलियन में पारंपरिक उत्पादों की भरमार।
- सरकारी मदद से कारीगरों में बढ़ा उत्साह।
- फेयर 27 नवंबर तक चलेगा।
- हैंडीक्राफ्ट और पारंपरिक वस्त्रों का अद्भुत प्रदर्शन।
नई दिल्ली, 20 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत मंडपम में आयोजित हो रहा 44वां इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर इस बार भी लोगों के लिए बड़ा आकर्षण बना हुआ है। यह फेयर 14 नवंबर यानी शुक्रवार से शुरू हुआ है और हैंडीक्राफ्ट, पारंपरिक वस्त्रों और देसी कला-संस्कृति के अद्भुत प्रदर्शन के कारण लगातार चर्चा में है। स्टेट पवेलियंस के साथ-साथ कारीगरों के स्टॉल पर भी भीड़ उमड़ रही है।
इस साल का शोकेस और भी विशाल है, जिससे लोगों के पास खरीदारी के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं।
गुजरात पवेलियन में इस बार हॉल नंबर 4 में काफी रौनक देखने को मिल रही है, जहां कारीगरों के अद्वितीय और पारंपरिक उत्पाद दर्शकों को आकर्षित कर रहे हैं। हाथ से बनाई गई क्रिस्टल नग अंगूठियां, कच्छ से लाई गई तांबे और पीतल की पारंपरिक घंटियां, गुजरात की फैब्रिक आर्ट और धातु शिल्प सभी खरीदारों का ध्यान खींच रहे हैं।
कारीगरों का कहना है कि इस बार सरकार द्वारा दिया गया सहयोग उनके लिए बहुत मददगार साबित हुआ है। उन्हें फेयर में मुफ्त स्थान, यात्रा का भाड़ा और कई अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं, जिससे वे अपने उत्पादों को बेहतर ढंग से प्रदर्शित कर पा रहे हैं।
दुकानदार सोमाभाई राणा ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि सरकार ने इस बार हमें बहुत अच्छा सहयोग दिया है। गुजरात पवेलियन में हमें मुफ्त जगह दी गई है, यात्रा का खर्च भी दिया गया है। इससे हम अपने सामान को यहां अच्छे तरीके से प्रदर्शित कर पा रहे हैं।
वहीं, दुकानदार लुहारसाई रज्जाक ने कहा कि हम कच्छ से पारंपरिक तांबे और पीतल की घंटियां लेकर आए हैं। इस बार भीड़ बहुत अच्छी है। लोग हमारे काम को समझ रहे हैं और सराह रहे हैं। सरकार द्वारा दी गई सुविधाएं हमारे लिए बहुत लाभप्रद रही हैं।
दिल्ली ट्रेड फेयर 2025 एक बार फिर से देश की कला, संस्कृति और कारीगरों की मेहनत का एक बड़ा मंच साबित हो रहा है। यह फेयर 27 नवंबर तक चलेगा, और उम्मीद है कि आने वाले दिनों में भीड़ और अधिक बढ़ेगी।