क्या दिल्ली विस्फोट के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने निष्पक्ष जांच की मांग की?
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली विस्फोट ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न खड़े किए हैं।
- ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने निष्पक्ष जांच की मांग की है।
- घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की गई है।
- शांति बनाए रखने की अपील की गई है।
- लाल किले के पास सुरक्षा की चूक पर सवाल उठे हैं।
नई दिल्ली, ११ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली में सोमवार को हुए विस्फोट के बाद देशभर में सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद किया गया है और हाई अलर्ट घोषित किया गया है। इस घटना पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने गहरा शोक और चिंता व्यक्त की है।
बोर्ड ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की है और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है।
बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने एक प्रेस बयान जारी कर इस घटना को अत्यंत दुखद और चिंताजनक बताया। उन्होंने कहा कि देश की राजधानी के सबसे संवेदनशील इलाकों में से एक लाल किले के पास इस तरह की घटना होना सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है। उन्होंने सवाल उठाया कि इस विस्फोट के बारे में पहले से सुरक्षा एजेंसियों और सरकार को कैसे नहीं पता चला, यह सोचने का विषय है।
उन्होंने केंद्र और दिल्ली सरकार से आग्रह किया कि इस विस्फोट की गहन, निष्पक्ष और बहुआयामी जांच कराई जाए ताकि सच्चाई सामने आ सके। जो भी आरोपी हो उसे छोड़ा न जाए।
मौलाना रहमानी ने कहा कि यदि यह विस्फोट किसी आकस्मिक कारण से हुआ है, तो यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि निर्दोष लोगों की जानें गईं और कई घायल हुए हैं। यदि यह आतंकी कृत्य है, तो यह देश की आंतरिक सुरक्षा और खुफिया तंत्र की विफलता का संकेत है।
उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में ज़िम्मेदार लोगों को कानून के दायरे में लाना जरूरी है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
उन्होंने आगे कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इस दुख की घड़ी में शोकाकुल परिवारों के साथ खड़ा है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की दुआ करता है। मौलाना रहमानी ने देश के नागरिकों से शांति बनाए रखने और अफवाहों से दूर रहने की अपील भी की।
लाल किले की घटना को देखते हुए बोर्ड ने प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, नई दिल्ली में प्रस्तावित अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस को स्थगित करने का निर्णय लिया है। बोर्ड ने कहा कि मौजूदा हालात में यह निर्णय उचित है और इस असुविधा के लिए उन्होंने मीडिया प्रतिनिधियों से खेद भी प्रकट किया।