क्या मंत्री कपिल मिश्रा और सांसद मनोज तिवारी ने सोनिया विहार स्थित यमुना घाट का निरीक्षण किया?

सारांश
Key Takeaways
- यमुना घाट पर छठ पूजा पर प्रतिबंध हटाया गया।
- स्थानीय नागरिकों को स्वच्छता में सहयोग की अपील की गई।
- मंत्री ने घाट की सफाई और सुविधाओं पर जोर दिया।
नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली सरकार ‘छठ पूजा 2025’ के लिए गंभीरता से तैयारियों में जुटी है। इसी सिलसिले में, करावल विधानसभा क्षेत्र के सोनिया विहार स्थित यमुना घाट का बुधवार को दिल्ली सरकार के कला, संस्कृति एवं भाषा मंत्री कपिल मिश्रा और उत्तर पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी ने मिलकर निरीक्षण किया। इस दौरान प्रशासनिक अधिकारी, सभी निगम पार्षद, संगठन पदाधिकारी और स्थानीय नागरिक भी मौजूद थे।
निरीक्षण के दौरान घाट की सफाई, प्रकाश व्यवस्था, सुरक्षा और मूलभूत सुविधाओं का जायजा लिया गया। कपिल मिश्रा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि श्रद्धालुओं और आगंतुकों को किसी भी प्रकार की समस्या न हो, इसके लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं जल्द से जल्द की जाएं।
इस अवसर पर मंत्री कपिल मिश्रा ने उपस्थित जनता से कहा कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि यमुना तट पर छठ पूजा पर लगाया गया प्रतिबंध हटा दिया गया है, जो पूर्व की सरकार द्वारा लगाया गया था। इसके साथ ही, दर्ज किए गए मामलों को वापस लेने का भी ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है। पिछले छह वर्षों से यमुना घाटों पर छठ पूजा की अनुमति नहीं थी, लेकिन अब इसे भव्य रूप से मनाया जाएगा।
मंत्री कपिल मिश्रा ने आगे कहा कि हमारे चुनाव का संकल्प था कि छठ पूजा यमुना किनारे होगी, और पहली ही छठ पूजा पर हमारी सरकार इस संकल्प को पूरा कर रही है। पूर्व की सरकार ने जानबूझकर छठ पूजा पर रोक लगाई थी, जो दिल्ली की आस्था के साथ किया गया एक बड़ा अन्याय था, जिसे अब हमारी सरकार ने समाप्त कर दिया है।
इस अवसर पर सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि सरकार बदलने के साथ ही बदलाव स्पष्ट दिखाई दे रहा है। पिछले वर्ष जब हम यमुना घाट पर आए थे, तो हमें विरोध प्रदर्शन करना पड़ा था, क्योंकि वहां बैरिकेड लगाकर किसी को भी अंदर जाने नहीं दिया जा रहा था। लेकिन आज वही घाट फिर से पूजा और श्रद्धा के लिए खुल रहे हैं। यह दिल्लीवासियों और विशेषकर पूर्वांचल समाज के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है।
स्थलीय निरीक्षण के दौरान मंत्री कपिल मिश्रा ने संबंधित अधिकारियों को यमुना तटों के सौंदर्यीकरण, स्वच्छता और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने स्थानीय नागरिकों से अपील की कि वे भी इस अभियान में सक्रिय सहयोग दें ताकि दिल्ली के यमुना घाट एक बार फिर आस्था, संस्कृति और स्वच्छता के प्रतीक बन सकें।