क्या दिल्ली चिड़ियाघर के अफ्रीकी हाथी 'शंकर' की मौत एक रहस्य है?

सारांश
Key Takeaways
- शंकर की मृत्यु से चिड़ियाघर की टीम को गहरा दुख हुआ।
- बरेली के वन्यजीव विशेषज्ञ इस मामले की जांच कर रहे हैं।
- दिल्ली चिड़ियाघर में 1300 से अधिक जानवर हैं।
- शंकर ने 27 साल से चिड़ियाघर में सेवाएं दीं।
- पर्यावरण मंत्रालय द्वारा संचालित है चिड़ियाघर।
नई दिल्ली, १८ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय प्राणी उद्यान के एक अधिकारी ने जानकारी दी कि बरेली के वन्यजीव विशेषज्ञ गुरुवार को दिल्ली चिड़ियाघर के अफ्रीकी हाथी 'शंकर' की रहस्यमय मौत की उच्च स्तरीय जांच में शामिल हुए।
अधिकारी ने कहा कि २९ साल का यह अफ्रीकी हाथी कुछ दिनों से भूख न लगने के लक्षण दिखा रहा था, और बुधवार रात लगभग ८ बजे अचानक अपने शेड में गिर पड़ा।
एक आधिकारिक बयान में यह कहा गया, "आगे की जांच के लिए बरेली के आईवीआरआई, हेल्थ एडवाइजरी कमेटी और मंत्रालय के प्रतिनिधियों की एक विशेषज्ञ टीम पोस्टमार्टम कर रही है। पोस्टमार्टम और आवश्यक सैंपल लेने के बाद शव को नियमानुसार नष्ट कर दिया जाएगा।"
जू के निदेशक संजीव कुमार ने कहा, "शंकर ताकत, समझ और प्यार का प्रतीक था। चिड़ियाघर के कई सदस्य उससे भावनात्मक रूप से जुड़े हुए थे। उसके जाने से जू की टीम, आगंतुकों और पूरे संरक्षण समुदाय को गहरा दुख हुआ।"
शंकर २७ साल से नेशनल जूलॉजिकल पार्क का एक महत्वपूर्ण सदस्य था, जो नवंबर १९९८ में जिम्बाब्वे से आया था।
अफ्रीकी हाथी अपने शांत स्वभाव और रॉयल अंदाज के लिए आगंतुकों का प्रिय था, और जू के कर्मचारियों को भी उससे बहुत लगाव था।
बयान में बताया गया कि बुधवार सुबह देखा गया कि शंकर कम पत्तियां और घास खा रहा था, उसे हल्का दस्त भी था, लेकिन वह बाकी चीजें जैसे फल, सब्जियां और कंसंट्रेट सामान्य रूप से खा रहा था। एनजेडपी की पशु चिकित्सा टीम ने उसका इलाज किया और पशुपालन कर्मचारी उसकी लगातार निगरानी कर रहे थे।
उसी दिन शाम लगभग ७.२५ बजे शंकर गिर गया और आपातकालीन उपचार के बावजूद उसकी मृत्यु हो गई। बयान में कहा गया कि मंगलवार तक उसकी किसी बीमारी या असामान्य व्यवहार की कोई खबर नहीं थी।
केंद्र सरकार के पर्यावरण मंत्रालय द्वारा संचालित दिल्ली चिड़ियाघर में १३० अलग-अलग प्रजातियों के १३०० से अधिक जानवर हैं।
हर साल १७६ एकड़ में फैले इस परिसर में २० लाख से अधिक प्रकृति प्रेमी आते हैं।