क्या धराली के लोग हैं मेरे अपने, प्रभावितों को मिलेगी जरूरी मदद?

सारांश
Key Takeaways
- आपदाग्रस्त क्षेत्र में राहत कार्य शुरू।
- मुख्यमंत्री ने दी समयसीमा।
- 108 बेघर परिवारों की मदद।
- सड़क संपर्क जल्दी बहाल होगा।
- भ्रामक प्रचार से बचने का आह्वान।
देहरादून, 10 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिलाधिकारी और संबंधित विभागों के सचिवों को धराली आपदाग्रस्त क्षेत्र में नष्ट हुई निजी और सार्वजनिक संपत्ति का आकलन तैयार करने के लिए सात दिन की समयसीमा दी है।
इस मुद्दे पर आठ विभागों ने प्रारंभिक रिपोर्ट प्रस्तुत की है। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि जैसे ही यह आकलन तैयार हो, इसे भारत सरकार को भेजा जाए। साथ ही, सीएम ने धराली सहित राज्य के सभी आपदाग्रस्त क्षेत्रों के लिए सरकार द्वारा दी जा रही तात्कालिक सहायता का वितरण जल्दी पूरा करने का निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट किया कि यह सहायता राशि तुरंत प्रभावितों को उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि धराली आपदा में ध्वस्त हुए कल्प केदार देवता के मंदिर का पुनर्निर्माण भी किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि धराली के लोग हमारे अपने हैं, उन्हें हर संभव मदद दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने राहत और बचाव कार्यों में जुटी सरकारी मशीनरी का उत्साह बढ़ाने की अपील की। साथ ही, उन्होंने सभी से भ्रामक और नकारात्मक प्रचार से बचने की सलाह दी।
सीएम धामी ने रविवार को आपदा कंट्रोल रूम, आईटी पार्क, सहस्त्रधारा रोड, देहरादून में आपदाग्रस्त क्षेत्रों में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की समीक्षा की।
धामी ने धराली और हर्षिल आपदाग्रस्त क्षेत्र में सड़क मार्ग को युद्धस्तर पर ठीक करने के निर्देश दिए। लोक निर्माण विभाग और संबंधित एजेंसियों ने जानकारी दी है कि रविवार शाम को लिमचीगाड़ ब्रिज चालू होते ही हर्षिल तक सड़क संपर्क दो दिन के भीतर बहाल कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को धराली आपदा में 108 बेघर हुए परिवारों से संपर्क में बने रहने और उनकी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने धराली आपदाग्रस्त क्षेत्र के चैनलाइजेशन के लिए सोमवार सुबह ही आईआईटी रुड़की, सीएसआरई और अन्य विशेषज्ञ एजेंसियों के जियोलॉजिस्ट की टीम को तुरंत रवाना करने के निर्देश दिए।
रविवार को हुई बैठक में मुख्यमंत्री धामी ने वर्चुअल माध्यम से ग्राम प्रधान और अन्य ग्रामीणों से बातचीत की। ग्रामीणों ने सीएम धामी का धन्यवाद किया कि वे तीन दिन तक उनके साथ रहे और राहत कार्यों के लिए तात्कालिक समिति बनाने का आश्वासन दिया।
धराली और पौड़ी आपदा के राहत कार्यों में लगे सभी सरकारी अधिकारियों और कार्मिकों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि रक्षाबंधन के मौके पर भी अपने घरों से दूर रहकर सेवा करने वाले अधिकारियों और जवानों की मेहनत प्रशंसनीय है।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी पौड़ी से भी आपदा और राहत कार्यों की जानकारी ली। डीएम पौड़ी ने बताया कि पौड़ी के 338 गांव आपदा प्रभावित हैं। प्रभावित सैंजी गांव के क्षतिग्रस्त घरों का आकलन कर लिया गया है और अब तक 50.86 लाख रुपए का मुआवजा वितरित किया जा चुका है।
बैठक में मुख्य सचिव आनंद वर्धन, डीजीपी दीपम सेठ, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु और सभी संबंधित विभागों के सचिव भी उपस्थित रहे।