क्या धराली में आई आपदा पर हसन का बयान मूर्खतापूर्ण है?

सारांश
Key Takeaways
- आपदा के दौरान सेना की भूमिका
- राजनीतिक बयानबाजी का प्रभाव
- धर्म से जोड़ना गलत है
- आपदा प्रबंधन की आवश्यकता
- सुरक्षा और एकता की प्रार्थना
बरेली, 9 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के धराली में आई प्राकृतिक आपदा के बीच, जहां एक ओर सेना जीवन रक्षा के लिए युद्ध स्तर पर तत्पर है, वहीं दूसरी ओर राजनीति भी शुरू हो गई है। समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद एसटी हसन ने इस आपदा पर एक विवादास्पद बयान दिया।
हसन ने उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में आए इस संकट के लिए मस्जिदों और मजारों को गिराने को ईश्वर का न्याय बताया। इस पर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने प्रतिक्रिया देते हुए इसे 'मूर्खतापूर्ण' करार दिया।
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान कहा कि ऐसी घटनाएं सामान्य हैं और इन्हें किसी धर्म से जोड़ना या हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा बनाना पूरी तरह गलत है। उन्होंने कहा कि एसटी हसन का बयान बेहद अजीब है। हमें ईश्वर से प्रार्थना करनी चाहिए कि ऐसी आपदाएं न आएं।
उन्होंने यह भी कहा कि इस आपदा को धार्मिक रंग देना गलत है। यह पहली बार नहीं है जब एसटी हसन ने ऐसा विवादास्पद बयान दिया है; इससे पहले भी उन्होंने कई मुद्दों पर विवादित टिप्पणियां की हैं।