क्या भारत कभी किसी देश के आगे झुका है? तहसीन पूनावाला का बयान

सारांश
Key Takeaways
- भारत ने कभी किसी देश के सामने झुकने की नहीं सोची।
- ट्रंप का टैरिफ भारत के लिए एक चुनौती है।
- भारत एक स्वतंत्र देश है, जो अपनी पसंद के अनुसार व्यापार करेगा।
- चुनाव आयोग पर आरोपों की जांच आवश्यक है।
- भारत को अपने आर्थिक हितों की रक्षा करनी चाहिए।
पुणे, 9 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा पर राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला ने कहा कि भारत किसी भी देश के सामने झुका नहीं है।
पूनावाला ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर टैरिफ इसलिए लगाया है ताकि वह भारत के माध्यम से व्लादिमीर पुतिन और रूस को नुकसान पहुंचा सकें, जिससे रूस और यूक्रेन के बीच युद्धविराम संभव हो सके। लेकिन, ट्रंप एक बात भूल रहे हैं, भारत कभी किसी देश के आगे झुका नहीं। चाहे वह नेहरू का समय हो, इंदिरा गांधी का या अटल बिहारी वाजपेयी का, देश ने हमेशा अपनी स्वतंत्रता को बनाए रखा है।
उन्हें कहना था कि भारत एक स्वतंत्र देश है और वह अमेरिका के साथ पार्टनरशिप करना चाहता है। यह पार्टनरशिप का मतलब है कि दोनों दोस्त मिलकर कार्य करें। अगर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लगता है कि उन्हें पाकिस्तान में तेल मिलेगा, तो भारत को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
उन्होंने फिर से कहा कि भारत एक स्वतंत्र देश है, और वह जब चाहेंगा, किसी भी चीज़ को खरीद सकता है। इसके लिए कोई भी ताकत उसे नहीं रोक सकती।
पूनावाला ने राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयोग पर लगाए गए आरोपों पर कहा कि हमारा चुनाव आयोग से अनुरोध है कि वह एक राजनीतिक दल की बात न सुनें, बल्कि उस काम पर ध्यान दें जो करने की आवश्यकता है। किस नियम के तहत विपक्ष के नेता को हलफनामा दाखिल करना आवश्यक है? क्या यह सच नहीं है कि बेंगलुरु के एक फ्लैट में कई धर्मों के 80 लोगों का नाम वोटर सूची में था? जिस परिवार का जिक्र खुद चुनाव आयोग ने किया, उसे राहुल गांधी ने उजागर किया था, उस परिवार के पास दो ईपीआसी नंबर थे।