क्या भाजपा नेताओं ने ममता सरकार पर हमला किया, तानाशाही का अंत होगा?

सारांश
Key Takeaways
- भाजपा नेताओं ने ममता सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाया है।
- नबान्न अभियान के दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया।
- महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए आवाज उठाई जा रही है।
कोलकाता, 10 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज की महिला चिकित्सक के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या की घटना को एक वर्ष हो चुका है। इस बीच, ‘नबान्न चलो’ अभियान के तहत प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई, जिसमें विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी और भाजपा के कई नेता घायल हो गए।
प्रदर्शन में शामिल भाजपा विधायक अग्निमित्र पॉल ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तंज कसते हुए कहा कि वे डरी हुई हैं। ऐसा कोई अन्य कारण नहीं है। आज अदालत की अनुमति से यह शांतिपूर्ण रैली हो रही थी। फिर अचानक लाठीचार्ज क्यों किया गया? क्या वे यह संदेश देना चाहती हैं कि अगर हम उनकी सरकार के अन्याय का विरोध करेंगे तो हमें हिंसा का सामना करना पड़ेगा? यह तानाशाही कब तक चलेगी?
उन्होंने आगे कहा कि लाठीचार्ज में कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। विपक्ष के नेता ने इस घटना की निंदा की है। यह स्पष्ट है कि ममता बनर्जी डरी हुई हैं और वे पुलिस व प्रशासन का इस्तेमाल करके आम जन की आवाज को दबाना चाहती हैं। लेकिन हम एक जिम्मेदार विपक्ष के रूप में जनता की आवाज उठाते रहेंगे। ममता सरकार की तानाशाही कभी सफल नहीं होगी।
नबान्न अभियान को लेकर भाजपा नेता रेखा पात्रा ने कहा कि पश्चिम बंगाल पुलिस की स्थिति कितनी शर्मनाक हो गई है। राज्य के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें दमनकारी बनने का प्रशिक्षण दिया है। हजारों पुलिसकर्मियों को बल प्रयोग की अनुमति किसने दी?
वहीं प्रदीप महतो ने कहा कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय घटना है। लोकतांत्रिक तरीके से जो आंदोलन हो रहा है, यह जनता का आंदोलन है। एक वर्ष पहले एक बहन के साथ जो दुष्कर्म हुआ, उसमें अभी तक कोई न्याय नहीं मिला है। ममता सरकार में महिलाओं का सम्मान केवल एक झूठा दावा है। माताओं-बहनों पर अत्याचार हो रहा है। वर्तमान में राज्य में कानून का राज नहीं रह गया है। ममता सरकार में न्याय की गुहार लगाना अपराध है, ऐसे में उन्हें सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
एक बुजुर्ग व्यक्ति ने कहा कि हम टीएमसी सरकार के कुशासन से परेशान हैं। बंगाल की जनता अब परिवर्तन चाहती है। राज्य में हमारी बहन-बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। हम ऐसी सरकार चाहते हैं जो गरीबों की आवाज बने और उनके उत्थान के लिए काम करे। बंगाल में इस समय अराजकता का माहौल है और इसके लिए केवल ममता बनर्जी की सरकार जिम्मेदार है।
नबान्न अभियान के दौरान लाठीचार्ज में घायल एक बुजुर्ग व्यक्ति ने कहा कि हम आंदोलन के जरिए अन्याय के खिलाफ आवाज उठा रहे थे। इसी दौरान पुलिस ने मुझ पर प्रहार किया, जिसके बाद मैं घायल होकर गिर पड़ा। इसके बाद भी पुलिस ने हम पर वार करना जारी रखा। मेरा सवाल सीधे सीएम ममता बनर्जी से है, वे महिला न्याय के लिए आगे क्यों नहीं आतीं? राज्य की पुलिस बेशर्म हो गई है। अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना हमारा अधिकार है, लेकिन यह सरकार जनता की आवाज को दबाना चाहती है।
गंगासागर से आए एक व्यक्ति ने कहा कि सीएम ममता बनर्जी में अब ममता नहीं बची है, वे निर्मम हो चुकी हैं। ममता बनर्जी को मुस्लिम वोटों की सबसे ज्यादा चिंता है। वे हिंदू हितों को नजरअंदाज कर रही हैं, जिसकी कीमत उन्हें चुकानी पड़ेगी।