क्या उत्तर प्रदेश में पंजीकृत 115 राजनीतिक दलों की मान्यता रद्द हो गई?

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क्या उत्तर प्रदेश में पंजीकृत 115 राजनीतिक दलों की मान्यता रद्द हो गई?

सारांश

उत्तर प्रदेश में 115 राजनीतिक दलों की मान्यता रद्द कर दी गई है। क्या इसके पीछे कोई खास कारण है? जानें इस निर्णय का महत्व और क्या होगा आगे।

Key Takeaways

  • भारत निर्वाचन आयोग ने 115 राजनीतिक दलों को सूची से बाहर किया।
  • यह निर्णय पिछले 6 वर्षों में चुनाव न लड़ने के कारण लिया गया।
  • इन दलों को अब कोई राजनीतिक लाभ नहीं मिलेगा।

लखनऊ, 9 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारत निर्वाचन आयोग ने पिछले 6 वर्षों में उत्तर प्रदेश में पंजीकृत राजनीतिक दलों को अपनी सूची से बाहर कर दिया है। यह जानकारी उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने साझा की।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर एक पोस्ट के माध्यम से कहा कि 9 अगस्त को जारी अपने आदेश में भारत निर्वाचन आयोग ने उन 115 राजनीतिक दलों को सूची से हटा दिया है, जिन्होंने वर्ष 2019 से लगातार 6 वर्षों तक विधानसभा और लोकसभा का कोई चुनाव नहीं लड़ा और जिनका उत्तर प्रदेश में पंजीकृत पते पर कोई अस्तित्व नहीं था।

उन्होंने स्पष्ट किया कि सूची से बाहर किए गए 115 राजनीतिक दल लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 29 बी और 29 सी के साथ-साथ आयकर अधिनियम 1961 के संबंधित प्रावधानों के अंतर्गत और चुनाव चिह्न (आरक्षण एवं आवंटन) आदेश 1968 के तहत मिलने वाले किसी भी लाभ के लिए अब हकदार नहीं रहेंगे।

यदि कोई पक्ष भारत निर्वाचन आयोग के आदेश से असंतुष्ट है, तो वह आदेश की तिथि से 30 दिनों के भीतर आयोग को अपील कर सकता है। भारत निर्वाचन आयोग का 9 अगस्त का आदेश और सूची से बाहर किए गए राजनीतिक दलों की जिलेवार जानकारी भी दी जा रही है।

Point of View

तो उन्हें सूची से बाहर करना उचित है।
NationPress
09/08/2025

Frequently Asked Questions

भारत निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों की मान्यता क्यों रद्द की?
यह निर्णय उन दलों के लिए लिया गया है जिन्होंने पिछले 6 वर्षों में कोई चुनाव नहीं लड़ा और जिनका पंजीकृत पता भी अस्तित्व में नहीं था।
क्या ये दल अब किसी लाभ के हकदार नहीं रहेंगे?
हां, सूची से बाहर हुए दल अब लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 और अन्य संबंधित कानूनों के तहत किसी भी लाभ के लिए हकदार नहीं रहेंगे।
क्या कोई दल इस फैसले के खिलाफ अपील कर सकता है?
जी हां, यदि कोई दल असंतुष्ट है, तो वह आदेश की तिथि से 30 दिनों के भीतर अपील कर सकता है।