क्या मुंबई में डेंगू के मामलों में रिकॉर्ड वृद्धि हो रही है? दो बच्चों की हुई मौत

सारांश
Key Takeaways
- डेंगू के मामलों में रिकॉर्ड वृद्धि
- बच्चों में गंभीर मामलों का बढ़ता जोखिम
- स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता
- नागरिकों की जिम्मेदारी
- मच्छरों के प्रजनन को रोकने के उपाय
मुंबई, 9 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। इस वर्ष मुंबई में डेंगू के मामलों में एक अभूतपूर्व वृद्धि देखी जा रही है। मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के आंकड़ों के अनुसार, जून में डेंगू के 105 मामले सामने आए थे, जबकि जुलाई में यह संख्या बढ़कर 708 हो गई, जो लगभग 500 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है।
इस वर्ष डेंगू के कई गंभीर मामले बच्चों में पाए गए हैं, जिससे स्वास्थ्य विभाग और नागरिकों में चिंता बढ़ गई है।
बीएमसी के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, एक 7 वर्षीय बच्चा जो 1 अगस्त को गंभीर डेंगू के लक्षणों के साथ जेजे अस्पताल में भर्ती हुआ था, उसकी स्थिति बिगड़ने के बाद 4 अगस्त को मृत्यु हो गई। इसी तरह, जुलाई के मध्य में होली फैमिली अस्पताल में एक 5 वर्षीय बच्चे की भी डेंगू के कारण मौत हुई थी।
इन घटनाओं ने डेंगू के बढ़ते खतरे को और स्पष्ट किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि पहले डेंगू के मामले मानसून के अंत में बढ़ते थे, लेकिन अब यह बीमारी मानसून के प्रारंभ में तेजी से फैल रही है। यह बदलाव स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए चिंता का कारण बन गया है।
डॉक्टरों का कहना है कि यदि किसी को दूसरी बार डेंगू का संक्रमण होता है, तो यह डेंगू शॉक सिंड्रोम या हैमरेजिक डेंगू जैसी गंभीर परिस्थितियों का कारण बन सकता है, जो जानलेवा साबित हो सकती हैं। डेंगू के लक्षणों में तेज बुखार, जोड़ों में दर्द, त्वचा पर लाल चकत्ते, पेट में दर्द और सांस लेने में कठिनाई शामिल हैं।
डॉक्टरों ने अभिभावकों को सलाह दी है कि बच्चों में इनमें से कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी अस्पताल से संपर्क करें और खुद से कोई दवा न लें।
बीएमसी ने डेंगू के प्रसार को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाए हैं। शहर में फॉगिंग, एंटी-लार्वा स्प्रे और सफाई के विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं। इसके साथ ही नागरिकों की जिम्मेदारी भी महत्वपूर्ण है।
बीएमसी ने नागरिकों से अपील की है कि वे अपने घरों और आस-पास पानी जमा न होने दें, क्योंकि स्थिर पानी मच्छरों के प्रजनन का मुख्य कारण है।