क्या हेमंत सोरेन ने विरासत से विजय तक आदिवासी हितों की मजबूत आवाज बनाई?

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क्या हेमंत सोरेन ने विरासत से विजय तक आदिवासी हितों की मजबूत आवाज बनाई?

सारांश

हेमंत सोरेन का राजनीतिक सफर और चुनौतियों से भरा जीवन उन्हें झारखंड का सबसे युवा मुख्यमंत्री बनाता है। जानिए उनके संघर्ष और उपलब्धियों के बारे में।

Key Takeaways

  • हेमंत सोरेन का राजनीतिक सफर प्रेरणादायक है।
  • उन्होंने आदिवासी कल्याण के लिए कई योजनाएं लागू की हैं।
  • उनका संघर्ष और उपलब्धियाँ कई लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।
  • बड़े भाई की मृत्यु के बाद उन्होंने जेएमएम की कमान संभाली।
  • उनकी पत्नी ने भी राजनीतिक क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है।

नई दिल्ली, 10 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने नेतृत्व कौशल से राज्य की राजनीति में एक विशेष पहचान बनाई है। वह न केवल एक प्रभावशाली नेता हैं, बल्कि उनके जीवन और राजनीतिक यात्रा से जुड़ी अनेक दिलचस्प बातें भी हैं।

हेमंत सोरेन का जन्म 10 अगस्त 1975 को रामगढ़ जिले के नेमरा गांव में हुआ था। हेमंत ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बोकारो से पूरी की, लेकिन बीआईटी मेसरा रांची में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई को अधूरा छोड़ दिया।

साल 2009 में बड़े भाई दुर्गा सोरेन की असामयिक मृत्यु के बाद, उन्होंने पढ़ाई छोड़कर जेएमएम की कमान संभाली। यह उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जिसने उन्हें एक इंजीनियरिंग छात्र से झारखंड के सबसे युवा मुख्यमंत्री तक पहुंचाया।

2009 में वे राज्यसभा सांसद बने और फिर दुमका विधानसभा सीट से जीत हासिल की। इसके बाद, साल 2013 में वे झारखंड के सबसे युवा मुख्यमंत्री बने, हालांकि उनका पहला कार्यकाल केवल 17 महीने का रहा।

साल 2019 में जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी के गठबंधन की जीत के बाद, हेमंत ने दोबारा मुख्यमंत्री पद संभाला। उनके नेतृत्व में सरकार ने आदिवासी कल्याण, ग्रामीण विकास और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं पर जोर दिया। 'माईया सम्मान योजना' जैसी पहल ने लाखों महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान की।

हेमंत सोरेन का सफर चुनौतियों से भरा रहा है। जनवरी 2024 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें एक कथित जमीन घोटाले में गिरफ्तार किया, जिसे उन्होंने केंद्र सरकार की राजनीतिक साजिश करार दिया।

पांच महीने जेल में बिताने के बाद, जून 2024 में झारखंड हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दी। इस दौरान उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने गांडेय सीट से उपचुनाव जीतकर राजनीतिक मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज की।

2024 के विधानसभा चुनावों में जेएमएम-नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन ने 56 सीटें जीतकर शानदार वापसी की और हेमंत ने 28 नवंबर 2024 को चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

उनके पिता शिबू सोरेन जेएमएम के संस्थापक और झारखंड आंदोलन के प्रमुख नेता रहे हैं, जिनसे उन्होंने राजनीति में आगे बढ़ने की प्रेरणा ली।

हेमंत सोरेन एक खेल प्रेमी हैं और उन्हें साइकिलिंग और क्रिकेट खेलना पसंद है। वे अक्सर साइकिल चलाते हुए देखे जाते हैं, जो उनकी सादगी को दर्शाता है।

Point of View

बल्कि यह एक प्रेरणा भी है। उनके नेतृत्व में झारखंड ने विकास और कल्याण के कई आयामों को छुआ है। यह समझना महत्वपूर्ण है कि कैसे एक व्यक्ति की मेहनत और संघर्ष समाज में बदलाव ला सकती है।
NationPress
09/08/2025

Frequently Asked Questions

हेमंत सोरेन का जन्म कब और कहाँ हुआ?
हेमंत सोरेन का जन्म 10 अगस्त 1975 को रामगढ़ जिले के नेमरा गांव में हुआ।
हेमंत सोरेन ने कब मुख्यमंत्री पद की शपथ ली?
हेमंत सोरेन ने 28 नवंबर 2024 को चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
क्या 'माईया सम्मान योजना' है?
'माईया सम्मान योजना' एक पहल है जिसने लाखों महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान की।
हेमंत सोरेन का राजनीतिक सफर कैसा रहा?
उनका राजनीतिक सफर चुनौतियों से भरा रहा है और उन्होंने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं।
हेमंत सोरेन के पिता कौन हैं?
हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन जेएमएम के संस्थापक और झारखंड आंदोलन के प्रमुख नेता रहे हैं।